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हठधर्मिता से हजारों मरीज हुए परेशान

locationसीकरPublished: Dec 02, 2019 05:54:08 pm

Submitted by:

Suresh

भामाशाह योजना में निजी अस्पतालों ने बंद किया उपचार: दिनभर भटकते रहे मरीजप्रदेश में 50 हजार और सीकर जिले में दो हजार मरीज इलाज से वंचितसरकारी अस्पतालों में बढ़ा मरीजों का दबाव

हठधर्मिता से हजारों मरीज हुए परेशान

हठधर्मिता से हजारों मरीज हुए परेशान

सीकर. प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में रविवार को निजी अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिला। इसकी बानगी है कि उपचार की आस में आए मरीजों को सम्बद्ध अस्पतालों में इलाज नहीं करने के बोर्ड मिले तो मरीजों का संबल टूट गया। निजी अस्पतालों के योजना में तौबा करने के कारण प्रदेश में करीब ५० हजार मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। दस हजार मरीजों के ऑपरेशन टल गए। पांच सौ से ज्यादा प्रसव नहीं हो सके। पुराने ऑपरेशन की राशि का भुगतान नहीं होने और क्लेम रिजेक्शन और भुगतान अटकाने से नाराज अस्पतालों ने एक भी मरीज का ऑपरेशन नहीं किया। मजबूरी में मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। इससे सरकारी अस्पतालों में सामान्य दिनों की तुलना में भर्ती मरीजों की संख्या में पांच से आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ। गौरतलब है कि प्रदेश में ९५० अस्पताल और सीकर जिले में 65 से ज्यादा अस्पताल योजना से जुड़े हुए हैं।
गरीब तबके की बढ़ी मुसीबत
योजना के तहत आम आदमी को तीस हजार से तीन लाख रुपए का इलाज किया जाता है। प्रदेश में रोजाना निजी अस्पतालों की ओर से साढ़े चार करोड़ के पैकेज बुक होते हैं। योजना को बंद करने की चेतावनी पहले से दिए जाने के बावजूद सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की वार्ता नहीं होने से आम आदमी की आस टूट गई है। योजना के बंद होने से इन लोगों की मुसीबत बढ़ गई। प्रदेश में रविवार को भामाशाह योजना के तहत ११८ करोड़ रुपए के क्लेम पेंडिंग रहे।
चिकित्सा विभाग ने जारी किया अलर्ट
बीएसबीवाइ योजना के तहत उपचार नहीं करने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों के बढऩे वाले भार को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। चिकित्सा विभाग ने सभी चिकित्सा संस्थानों में बीएसबीवाई योजना के तहत उपचार कराने वाले मरीजों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डा. अजय चौधरी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों के संस्था प्रभारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
इनका कहना है…
बीएसबीवाइ योजना से सम्बद्ध अस्पतालों ने योजना के तहत मरीजों का उपचार करना बंद कर दिया है। योजना के बंद होने से मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है। सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जाने से सरकारी अस्पतालों के सामने बड़ा संकट हो जाएगा।
विशेष व्यास, उपाध्यक्ष प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन, राजस्थान
बकाया भुगतान को लेकर सरकार की ढिलाई होने से निजी अस्पतालों में रोष है। सरकार की गलती का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन को तेज किया जाएगा।
मनीष त्यागी, जिला सचिव प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन, सीकर

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