फेल रही पहली दौर की वार्ता, नहीं चाहिए नगरपालिका में नौकरी
पांच सूत्रीय मांग पत्र पर पहले ही बिन्दु पर वार्ता विफल हो गई। आंदोलनकारियों ने वकील के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की। लेकिन जिला प्रशासन ने नगरपालिका में नौकरी देने का प्रस्ताव दिया। इसको आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया। वहीं एसडीएम व एसएचओ के तबादले का प्रस्ताव रखा, लेकिन इसको भी आंदोलनकारियों ने नामंजूर कर दिया।
पांच सूत्रीय मांग पत्र : अधिवक्ताओं व परिजनों की यह मांग
आंदोलन समिति की ओर से जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को पांच सूत्रीय मांग पत्र दिया गया है। एसडीएम राकेश कुमार व थानाधिकारी घासीराम मीणा को निलंबित कर हत्या के मुकदमे में गिरफ्तार करने, मृतक हंसराज मावलिया के परिवार को दो करोड़ रुपए का मुआवजा व एक परिजन को सरकारी नौकरी, घटना की सीबीआइ जांच कराने, एसडीएम के कार्यकाल में हुए कार्यों की न्यायिक जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए राजस्व कार्यालय के पीठासीन अधिकारी के रूप में न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने की मांग की गई है।
आत्मदाह के बाद का वीडियो वायरल
आत्मदाह के दौरान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शुक्रवार को वायरल हुआ। इसमें अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि एसडीएम हर सुनवाई के लिए रिश्वत लेते हैं। जब थाने में इस मामले की शिकायत की तो उल्टा एसएचओ ने धमकाया।
जोधपुर में वकीलों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने व मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई।एसोसिएशन अध्यक्ष नाथुसिंह राठौड़ ने प्रदेश के सभी राजस्व न्यायालयों में प्रशासनिक अधिकारियों के बजाय न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल मावलिया के अंतिम समय के वीडियो में वे साफ तौर पर कह रहे हैं कि उपखण्ड अधिकारी ने उनके ऊपर तेल गिराया और माचिस देकर खुद को आग लगाने के लिए उकसाया।
वकील के आत्मदाह मामले में सीएस, डीजीपी से रिपोर्ट तलब
राज्य मानवाधिकार आयोग ने भ्रष्टाचार को लेकर खंडेला के उपखंड अधिकारी व थानाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाने वाले वकील के आत्मदाह के मामले पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है।आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा सीकर कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को घटना की जानकारी भेजकर 15 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। अब 27 जून को सुनवाई होगी। आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने राजस्थान पत्रिका में शुक्रवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में अधिवक्ता ने किया आत्मदाह, मौत’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार के आधार पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग ने सुसाइड नोट में लगाए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि लगता है एसडीओ खंडेला राकेश कुमार विधि विरुद्ध कार्य करते थे और हंसराज को वकालत बंद कराने की धमकी दी गई थी। एसडीओ की शह पर थानाधिकारी ने भी हंसराज को बर्बाद करने की धमकी दी।
देर रात तक सड़कों पर एडवोकेट, आज भी जारी रहेगा आंदोलन
अधिवक्ता के आत्मदाह मामले में खंडेला सहित प्रदेशभर के अधिवक्ताओं में आक्रोश रहा। खंडेला में अधिवक्ताओं का धरना देर रात तक जारी रहा। समझौता वार्ता नहीं होने की वजह से शनिवार को भी आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एडवोकेट धर्मेन्द्र सिंह कुड़ी ने कहा कि अधिवक्ता के आत्मदाह करने की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। खंडेला न्यायालय परिसर में सीकर जिले के साथ-साथ संपूर्ण राजस्थान के अन्य बार संघों से प्रतिनिधि व विधि प्रकोष्ठ के सदस्य मोहित शर्मा, अशोक, सुभाष भारतीय, रतनलाल आदि घटनास्थल पर चल रहे धरने में शामिल होकर विरोध जाहिर किया। बार कॉन्सलिंग के अध्यक्ष भुनेश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष महेंद्र शाडिल्य, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बनवारी लाल कुड़ी, पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह, राजेंद्र जाखड़, पूर्व बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जालिम सिंह, पूर्व महासचिव रामजीलाल, सजाऊ खान, दीपक बाजिया आदि ने धरने को संबोधित किया। इधर, वकील आत्महत्या मामले में जिला मुख्यालय से बार एसोसिएशन के नेतृत्व में करीब दो सौ वकीलों का जत्था खंडेला पहुंचे। सचिव एडवोकेट सुरेश भास्कर ने बताया कि घटनाक्रम प्रशासन के मुंह पर कालिख है तथा न्याय चाहने वालों के लिए शर्मनाक है।
घटना बेहद निंदनीय: इंद्रा चौधरी
भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रा चौधरी ने कहा है कि खंडेला में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले अधिवक्ता द्वारा आत्मदाह के बाद मौत हो जाना एक बेहद ही निंदनीय घटना है। इंद्रा चौधरी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने फिल्ड में भ्रष्टाचारी अफसर लगा रखे हैं जो जनता के किसी भी काम को नहीं सुनते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचारी अधिकारी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अधिवक्ता की मौत एक बेहद शर्मनाक घटना है। जबकि राज्य सरकार द्वारा इस घटना को लेकर कोई चिंता व्यक्त नहीं करना घोर लापरवाही को दर्शाता है।
भ्रष्टाचार सरकारी विभागों का नासूर
भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र सीटू जिला कमेटी ने युवा वकील हंसराज मावलिया के आत्मदाह मामले में आक्रोश जताया है। इस संबंध में जिलाध्यक्ष सुभाष नेहरा,सचिव बृजसुंदर जांगिड़ ने सरकार से मांग की है कि वकील हंसराज की मौत के लिए जिम्मेदार एसडीएम व खंडेला थानेदार काशीराम मीणा को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार सुबह पार्टी विधायको के साथ जयपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के बाहर पहुंचे।यहां उन्होंने सीकर जिले के खंडेला में एसडीएम कोर्ट में सिस्टम से तंग आकर आत्मदाह करने वाले अधिवक्ता हंसराज मावलिया के परिजनों के न्याय दिलवाने के लिए आंदोलित अधिवक्ताओं का समर्थन किया।