एक वर्ष में ही इंडिया टीम का ट्रायल क्वालिफाई
जयंती का सपना आर्मी में जाने का है। इस सपने को पूरा करने के लिए जयंती ने निशानेबाजी को चुना। कोच राष्ट्रीय निशानेबाज दीपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जयंती प्रतिभावान है। कठिन परिश्रम से उसने एक साल में ही निशानेबाजी में इंडिया टीम की ट्रायल को क्वालिफाई कर लिया। चैंपियनशिप में जयंती का स्कोर 600 में से 535 रहा। जयंती की मां सुमन देवी गृहिणी और बड़ा भाई जोनू एयरफोर्स की तैयारी कर रहा है।
अकेले रहकर पढ़ाई के साथ कर रही शूटिंग की तैयारी
जयंती घर से दूर अकेले सीकर में किराए का मकान लेकर एसके स्कूल में 12 की पढ़ाई करने के साथ ही शेखावाटी शूटिंग रैंज में निशानेबाजी की तैयारी कर रही है। उसने दसवीं कक्षा में 65 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे। पिता ने सीकर में अकेले रहने से एकबारगी तो मना कर दिया था, लेकिन नाना सुबेदार बीरबल कुदाल ने अपने स्तर पर खर्चा उठाने की बात कहकर जयंती को सीकर भेज दिया। दो महीने सीकर के छात्रावास में रहकर निशानेबाजी में स्टेट खेल लिया। तीन महीने बाद ही नाना का देहांत हो गया। कुछ दिन घर पर रहने के बाद पिता ने जयंती को वापस सीकर तैयारी के लिए भेज दिया।