पट बंद होने का पहला अवसर
कोरोना संक्रमणकाल के चलते कलक्टर के आदेश पर श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय के चलते देव प्रबोधनी (देवउठनी) एकादशी 25 नवंबर व द्वादशी 26 नवंबर को बाबा श्याम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। संवत् 1777 ईस्वी में श्याम बाबा का मंदिर बनने के बाद यह पहला मौका है जब जन्मोत्सव के दिन लखदातार के कपाट दर्शनों के लिए बंद है। पिछले साल जन्मोत्सव पर 8 नवंबर को देशभर से करीब पांच लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने खाटू नरेश के दर्शन कर बाबा श्याम को केक, पंच मेवा, पेड़ा, चूरमा जैसे मिष्ठानों का भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना की थी।
दूसरा सबसे बड़ा मेला
गौरतलब है कि फाल्गुन मेले के बाद बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर खाटूश्यामजी में दूसरा सबसे बड़ा मेला होता है। इस बार जन्मोत्सव पर श्याम बाबा का दरबार बंद रहने से श्रद्धालुओं में मायूसी छाई हुई है।
पहले ही हो गया था फैसला
कोरोना काल में खाटूश्यामजी के मंदिर को अनलॉक करने से पहले ही मंदिर कमेटी व प्रशासन ने रविवार व एकादशी पर श्याम मंदिर के पट बंद रखने का फैसला लिया था। ताकि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। अब चूंकि आज देव उठनी एकादशी के साथ श्याम जन्मोत्सव भी है। ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने की संभावना भी ज्यादा थी। ऐसे में मंदिर कमेटी ने कोरोना से बचाव के लिए मंदिर के पट बंद रखने का ही फैसला लिया।