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कहीं फिर से न लगाना पड़ जाए किसानों के जख्मों पर मरहम, वजह ऐसी कि सोचने पर कर देगी मजबूर आज से 13 वर्ष पूर्व जब यह अपने ही परिवार के एक व्यक्ति के दाह संस्कार में मोक्षधाम पहुंचे तो यहां लोगों के लिए बैठने के लिए छाया नहीं थी। लोग गर्मी के मौसम में परेशान हो रहे थे। तभी इन्होंने संकल्प लिया की मोक्षधाम में छाया के लिए पेड़ लगाएंगे। इनके इस संकल्प ने आज मोक्ष धाम की काया पलट कर दी। गांव की हर सार्वजनिक जगह व संस्था में इन्होंने पौधारोपण किया है। पेड़-पौधे को पानी देने के लिए ग्रामीणों से स्वयं चंदा एकत्रित करके मोक्षधाम में बने होद में पानी का टैंकर डलवाया जाता है। फिर रोज सुबह जैन बाल्टियां ढोकर पौधों को पानी देते है। इसी का परिणाम है कि उक्त श्मशान भूमि में लगे पेड़-पौधे जैन की मेहनत का बखान करते है। इन्होंने अब तक नीम, पीपल, बरगद, अरडू जैसे सैकड़ों पेड़ लगाकर मोक्षधाम को रमणीय स्थल के रूप में विकसित कर दिया है।
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सरकार ने फिर तोड़ दिया शेखावाटी के लोगों का दिल, खबर पढ़कर आप भी हो जाएंगे मायूस लोगों के लिए बने प्रेरणादायक कस्बे व आसपास के क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए ये प्रेरणा के स्त्रोत बन चुके है। इनके कार्यों की गांव के चौपाल पर आज भी प्रशंसा होती है। वही लोग इनका उदाहरण देकर विकास कार्यों व समाजसेवा कार्यों के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते है। आज भी समाज सेवी चिरंजीलाल जैन गांव के विकास कार्यों के लिए गांव के प्रवासी सेठ साहूकारों को गांव के विकास कार्य करवाने के लिए प्रेरित करते है।
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इस जंगल में ये क्या हो गया, पहले कभी नहीं आई ऐसी खबर, आंकड़े जानकर आप भी नहीं करेंगे यकीन गायों की सेवा, पक्षियों को दाना-पानी वर्ष 2003 में गांव में गोशाला की नींव लगाकर गायों की सेवा का जिम्मा उठाया। रोज सुबह मोक्षधाम जाने के बाद गोशाला में जाकर गायों की देखभाल करते है। समय-समय पर गोशाला के लिए ग्रामीणों से चंदे की राशि एकत्रित करना, चारा पानी की व्यवस्था करवाने के साथ ही गोशाला के कार्य हेतु जयपुर सीकर जाने के लिए आज भी तैयार रहते है। चाहे इन्हें कुछ भी करना पड़े लेकिन गांव के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते है। नेताजी के नाम से गांव में मशहुर चिरंजीलाल जैन पिछले 20 वर्षों से पक्षियों के लिए दाना पानी डालते है। रोज सुबह परिवार का एक सदस्य गणगौरी चौक के चबूतरे की छत पर लगभग 20 किलों दाना पक्षियों के लिए डालते है। इन्होंने रिश्तेदार व ग्रामीणों के सहयोग से पक्षियों के लिए दाना पानी के लिए 3 लाख रुपए का फण्ड भी अलग से बनवा लिया।