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इनके काम की मुर्दे भी करते हैं तारीफ, आप भी हो जाओगे कायल जब जानोगे इनका काम

locationसीकरPublished: May 15, 2017 03:31:00 pm

Submitted by:

dinesh rathore

लोग सुबह स्नान करके मंदिर पूजा पाठ के लिए जाते है या फिर अपने घरेलू कार्यों में लग जाते है। लेकिन खाचरियावास के एक शख्स ऐसे है जो रोज सुबह उठकर श्मशान घाट जाते है। जी हां हम बात कर रहे है।

लोग सुबह स्नान करके मंदिर पूजा पाठ के लिए जाते है या फिर अपने घरेलू कार्यों में लग जाते है। लेकिन खाचरियावास के एक शख्स ऐसे है जो रोज सुबह उठकर श्मशान घाट जाते है। जी हां हम बात कर रहे है। खाचरियावास के 80 वर्षीय चिरंजीलाल जैन की जिन्होंने मोक्षधाम में 200 से ज्यादा पेड़ लगाकर यहां आने वाले लोगों के लिए छाया की व्यवस्था कर हरियाली की इबादत लिख दी। लेकिन अभी तक इनका मिशन पूरा नहीं हुआ है। जब इनसे पत्रिका संवाददाता ने इस विषय में खास बात की तो उन्होंने बताया कि श्मशान घाट में पेड़ लगाने का सिलसिला जब तक जारी रहेगा तब तक पूरे मोक्षधाम में हरियाली दिखाई दे।
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आज से 13 वर्ष पूर्व जब यह अपने ही परिवार के एक व्यक्ति के दाह संस्कार में मोक्षधाम पहुंचे तो यहां लोगों के लिए बैठने के लिए छाया नहीं थी। लोग गर्मी के मौसम में परेशान हो रहे थे। तभी इन्होंने संकल्प लिया की मोक्षधाम में छाया के लिए पेड़ लगाएंगे। इनके इस संकल्प ने आज मोक्ष धाम की काया पलट कर दी। गांव की हर सार्वजनिक जगह व संस्था में इन्होंने पौधारोपण किया है। पेड़-पौधे को पानी देने के लिए ग्रामीणों से स्वयं चंदा एकत्रित करके मोक्षधाम में बने होद में पानी का टैंकर डलवाया जाता है। फिर रोज सुबह जैन बाल्टियां ढोकर पौधों को पानी देते है। इसी का परिणाम है कि उक्त श्मशान भूमि में लगे पेड़-पौधे जैन की मेहनत का बखान करते है। इन्होंने अब तक नीम, पीपल, बरगद, अरडू जैसे सैकड़ों पेड़ लगाकर मोक्षधाम को रमणीय स्थल के रूप में विकसित कर दिया है।
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लोगों के लिए बने प्रेरणादायक

कस्बे व आसपास के क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए ये प्रेरणा के स्त्रोत बन चुके है। इनके कार्यों की गांव के चौपाल पर आज भी प्रशंसा होती है। वही लोग इनका उदाहरण देकर विकास कार्यों व समाजसेवा कार्यों के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते है। आज भी समाज सेवी चिरंजीलाल जैन गांव के विकास कार्यों के लिए गांव के प्रवासी सेठ साहूकारों को गांव के विकास कार्य करवाने के लिए प्रेरित करते है।
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गायों की सेवा, पक्षियों को दाना-पानी 

वर्ष 2003 में गांव में गोशाला की नींव लगाकर गायों की सेवा का जिम्मा उठाया। रोज सुबह मोक्षधाम जाने के बाद गोशाला में जाकर गायों की देखभाल करते है। समय-समय पर गोशाला के लिए ग्रामीणों से चंदे की राशि एकत्रित करना, चारा पानी की व्यवस्था करवाने के साथ ही गोशाला के कार्य हेतु जयपुर सीकर जाने के लिए आज भी तैयार रहते है। चाहे इन्हें कुछ भी करना पड़े लेकिन गांव के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते है। नेताजी के नाम से गांव में मशहुर चिरंजीलाल जैन पिछले 20 वर्षों से पक्षियों के लिए दाना पानी डालते है। रोज सुबह परिवार का एक सदस्य गणगौरी चौक के चबूतरे की छत पर लगभग 20 किलों दाना पक्षियों के लिए डालते है। इन्होंने रिश्तेदार व ग्रामीणों के सहयोग से पक्षियों के लिए दाना पानी के लिए 3 लाख रुपए का फण्ड भी अलग से बनवा लिया।
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