दीवार बनाने के लिए मजदूरों ने 4 फीट नींव खोदी थी। इसके साथ पुरानी बाउंड्री भी बनी हुई थी। मजदूर पास में नींव खोद रहे थे। इस दौरान पुरानी दीवार मजदूरों के ऊपर गिर गई। मजदूर दीवार के मलबे के नीचे दब गए। चीख सुनकर ग्रामीण मदद के लिए दौड़ कर पहुंचे। ग्रामीणों ने मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। करीब 20 मिनट के अंतराल के बाद दोनों मजदूरों को निकाला गया। ग्रामीणों ने बिना किसी सुविधा के दोनों मजदूरों को निकाल कर अस्पताल में पहुंचाया। दोनों को कांवट अस्पताल से अन्य अस्पताल में रैफर कर दिया गया। हादसे में महेंद्र सिंह व कालूराम घायल हो गए। वहीं मामले की जानकारी को लेकर सरपंच जगदीश प्रसाद ने बताया कि मुझे मामले की कोई जानकारी नहीं है। किसको ठेका दिया मुझे जानकारी नहीं है।
मजदूरों के पास कोई संसाधन नहीं
मजदूर निर्माण कार्य के लिए 28 फरवरी से काम कर रहे थे। मजदूरों के पास सुरक्षा के कोई साधन उपलब्ध नहीं थे। मजदूरों के सिर पर हेल्मेट भी नहीं लगे हुए थे। ठेकेदार की लापरवाही के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। बिना संसाधन के दोनों मजदूरों को ग्रामीणों ने मलबे से बाहर निकाला। पुरानी दीवार के पास में ही नई दीवार के निर्माण के लिए नींव खोदी जा रही थी जिससे हादसा हो गया। हादसे के तुरंत बाद दोनों को निर्माण कार्य बंद कर अस्पताल ले जाया गया।