तीनों को नहीं आता था तैरना, बम ने खींच लिए कदम
बम बहादुर ने बताया कि नरेश को बचाने गया रमु भी जब डूबने लगा तो उसने भी एकबारगी तो दोनों को बचाने के लिए आगे कदम बढ़ाया। लेकिन तैरना नहीं आने व पानी की गहराई को भांपकर उसने पैर वापस खींच लिए। बकौल बम दोनों मृतकों को भी तैरना नहीं आता था।
क्रेशर पर बनाते थे खाना
जानकारी के अनुसार मृतक नरेश बहादुर व रमु चचेरे भाई के साथ गांव के ही एक क्रेशर पर काम करते थे। जो क्रेशर के कर्मचारियों के लिए खाना बनाते थे। तीनों अक्सर साथ घूमने निकलते थे। गुरुवार शाम को भी घूमने के इरादे से ही साथ खदान में आए थे। जिनमें से दो भाइयों को पानी ने लील लिया।