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दीवार गिरने से दो बहनों की मौत, एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

locationसीकरPublished: May 11, 2021 06:02:29 pm

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले के जुगलपुरा गांव की दो सगी बहनों की ईंट भट्ठे की दीवार गिरने पर मौत हो गई। दोनों बहनें वार्ड 12 निवासी थी।

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सीकर/कांवट. राजस्थान के सीकर जिले के जुगलपुरा गांव की दो सगी बहनों की ईंट भट्ठे की दीवार गिरने पर मौत हो गई। दोनों बहनें वार्ड 12 निवासी थी। जो अपने परिवार सहित हरियाणा के हिसार जिले के उमरा गांव में ईंट भट्ठे पर काम करती थी। इसी दौरान दीवार गिरने से वह मलबे के नीचे दब गई। नजदीकी मजदूरों ने दोनों बहनों को मलबे से निकालकर अस्पताल भी पहुंचाया, लेकिन तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया।

दो भाइयों का परिवार करता था काम
जानकारी के अनुसार जुगलपुरा निवासी राजेन्द्र वर्मा व भाई सुभाष वर्मा अपने परिवार सहित हिसार में ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते हैं। सोमवार को परिवार के लोग वहां काम कर रहे थे। इसी दौरान सुभाष की बेटी शिमला वर्मा (18) व मोनिका (14) भी काम में हाथ बंटा रही थी। अचानक ईंट- भट्ठे की एक दीवार गिर गई। जिसके नीचे दोनों बेटियां दब गई। नजदीकी लोगों ने तुरंत दोनों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। जिसके बाद मंगलवार को दोनों का शव गांव जुगलपुरा लाया गया।

एक चिता पर अंतिम संस्कार
जुगलपुरा में घटना की जानकारी के बाद से ही माहौल गमगीन हो गया। दोनों के शव पहुंचते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। दोनों बहनों की एक साथ उठी अर्थी देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई। बाद में एक ही अर्थी पर दोनों बहनों का अंतिम संस्कार किया गया।

कमजोर आर्थिक हालात
सुभाष व उसके भाई के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। पिछले साल लॉकडाउन लगने की वजह से दोनों भाई व उनकी पत्नी हिसार ईंट भट्ठे पर फं स गए थे और बच्चें घर पर अकेले रह गए थे। इस बार भी बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की आशंका से दोनों भाई पहले ही अपने-अपने बच्चों को भी साथ ले गए।

तीन बेटी व एक बेटा
सुभाष के तीन बेटी व एक बेटा था। तीन बेटियों में मृतका शिमला सबसे बड़ी व मोनिका सबसे छोटी थी। शिमला ने कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी और मोनिका आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। बड़ी बेटी शिमला की शादी करने के लिए माता-पिता दिन-रात मेहनत मजदूरी कर पैसे जुटा रहे थे। लेकिन इसी बीच हादसे ने उसकी जान ले ली।पर फं स गए थे और बच्चें घर पर अकेले रह गए थे। इस बार भी बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की आशंका से दोनों भाई पहले ही अपने-अपने बच्चों को भी साथ ले गए।

तीन बेटी व एक बेटा
सुभाष के तीन बेटी व एक बेटा था। तीन बेटियों में मृतका शिमला सबसे बड़ी व मोनिका सबसे छोटी थी। शिमला ने कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी और मोनिका आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। बड़ी बेटी शिमला की शादी करने के लिए माता-पिता दिन-रात मेहनत मजदूरी कर पैसे जुटा रहे थे। लेकिन इसी बीच हादसे ने उसकी जान ले ली।

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