कर्नाटक: मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन पढ़ाने का प्रस्ताव भेजा
यहां के 700 से अधिक विद्यार्थी यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ आ गए हैं। यहां की सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ एनएमसी को प्रस्ताव दिया है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में इन विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई जा सकती है। हालांकि इन विद्यार्थियों की डिग्री व परीक्षा का काम यूक्रेन के संबंधित विश्वविद्यालयों का ही रहेगा।
महाराष्ट्र: तीन महीने का कोर्स डिजाइन करने की तैयारी
महाराष्ट्र में सरकार के साथ कुछ सामाजिक संगठनों और निजी मेडिकल कॉलेजों ने राहत का मसौदा तैयार किया है। इसमें एक सामाजिक संस्था ने विशेषज्ञों की मदद से तीन महीने का कोर्स डिजाइन किया है। इस पाठ्यक्रम में 900 विद्यार्थी पंजीकृत हो चुके हैं। यह आंकड़ा दो हजार तक पहुंचने की संभावना है। कोर्स एक अप्रेल से शुरू होने का दावा है।
राजस्थान: अभी तक केवल मनसंवाद
यूक्रेन से लौटने वाले विद्यार्थियों को भावनात्मक व मानसिक सम्बल देने के लिए मनसंवाद मुहिम शुरू की है। इसके तहत टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इधर, विद्यार्थियों का कहना है कि राज्य सरकार को भी एनएमसी या केन्द्र सरकार को यहां के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भिजवाना चाहिए।
इधर, न्यायालय में भी दायर हुई जनहित याचिका
यूक्रेन से लौटने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर उच्च न्यायालयों में जनहित याचिक भी दायर हुई है। इसमें कहा गया कि सरकार ने बच्चों को सुरक्षित लाने का काम सराहनीय किया है। लेकिन शिक्षा भी हर बच्चे का अधिकार है। यूक्रेन युद्ध की वजह से उनका यह अधिकार छिन रहा है। भारत सरकार को पहल कर राहत देनी चाहिए। हालांकि इस याचिका पर अभी कोई निर्देश सरकार को नहीं मिले हैं।
एक्सपर्ट व्यू : राजस्थान सरकार भी करें पहल
यूक्रेन में तनाव के दौरान राजस्थान की सरकार ने अपने खर्चे पर विद्यार्थियों को लाने का काम किया। अब विद्यार्थियों की पढ़ाई की दिशा में बेहतर प्लान की आवश्यकता है। कई राज्यों में सरकार आगे आ रही है तो कई राज्यों में निजी मेडिकल कॉलेजों ने पढ़ाई शुरू कराने की पहल की है। राजस्थान सरकार को भी इस तरह की पहल करनी होगी।
वेदप्रकाश बेनीवाल, एक्सपर्ट, सीकर
विद्यार्थियों का दर्द
ऑफलाइन पढ़ाई ही बेहतर
छात्र साहिल गौरी ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई तो पिछले सप्ताह से शुरू हो चुकी है। लेकिन ऑफलाइन पढ़ाई ही बेहतर विकल्प है। राजस्थान सरकार को सभी जिलों से डेटा लेकर उस जिले या पड़ौसी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कराने के इंतजाम करने चाहिए।
परीक्षाओं का क्या होगा, कैसे बनेंगे डॉक्टर
यूक्रेन से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली रीना का कहना है कि दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। परीक्षाएं भी प्रभावित होने की आशंका बन रही है। केन्द्र सरकार को सभी राज्यों के ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक समान योजना बनानी चाहिए। जिससे भविष्य में किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
कैसे भरें 31 मार्च तक फार्म, दस्तावेज वहां फंसे
वर्ष 2018 से पहले विदेशों के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों से फिलहाल एनएमसी की ओर से फार्म भरवाया जा रहा है। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि फिलहाल 31 मार्च है। विद्यार्थियों का कहना है कि इस फार्म के साथ कई मूल दस्तावेज लगाने हैं। युद्ध की वजह से मेडिकल कॉलेज बंद है और कोई भी दस्तावेज नहीं मिल रहा है। भारतीय विद्यार्थियों ने सांसदों को ज्ञापन देकर इस तिथि को आगे बढ़वाने की गुहार लगाई है।