प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर शहीद के घर पहुंचे केन्द्रीय मंत्री शेखावत, मां के पैर छूकर कही दिल छूने वाली यह बात..
सीकर. दिल्ली के गोकुलपुरी में पिछले सप्ताह हुई हिंसा में शहीद हुए सीकर निवासी पुलिस जवान रतनलाल के तिहावली गांव स्थित घर शनिवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत पहुंचे।

सीकर. दिल्ली के गोकुलपुरी में पिछले सप्ताह हुई हिंसा (Delhi Gokulpuri violence) में शहीद हुए सीकर निवासी पुलिस जवान रतनलाल (Mrtyre Police Constable Ratanlal)के तिहावली गांव स्थित घर शनिवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद रतनलाल को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने रतनलाल की मां को देखकर उनके पांव छुए और कहा कि 'थारो बेटो अब थारो ही कोनी, बल्कि देश को बेटो होगो'। यानी आपका बेटा आपका ही नहीं, पूरे देश का लाडला बेटा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (Indian Prime Minister Narendra Modi) ने मुझे यहां भेजा है। बाद में पत्रकारों से दिल्ली दंगों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए समाज को मजहब के आधार पर बांटने को कोशिश की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं। देश व लोकतंत्र के लिए यह अपराध हैं। देश ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगा। शेखावत के साथ सांसद नरेन्द्र खीचड़, पूर्व विधायक प्रेमसिंह बाजौर, भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह कारंगा, महावीर भोजदेसर, परमेश्वर शर्मा, बजरंग सिंह शेखावत उपस्थित थे।
हिंसा में गोली लगने से हुए थे शहीद
दिल्ली के गोकुलपुरी में पिछले सोमवार को सीएए के मुद्दे पर पक्ष विपक्ष में आए लोगों के बीच हिंसा हो गई थी। जिसमें पुलिस हेडकांस्टेबल रतन लाल बीच बचाव के लिए गए थे। इसी दौरान वह हिंसा का शिकार हो गए। शुरुआत में जवान के सिर में पत्थर लगने से मौत की बात सामने आई थी। लेकिन, बाद में गोली लगने की बात कही गई। गंभीर घायल अवस्था में जवान को अस्पताल ले जाया गया था। जहां जवान ने दम तोड़ दिया था। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव दिल्ली में परिजनों को दिया गया। जहां से अगले दिन सुबह शव गांव तिहावली पहुंचा तो ग्रामीणों ने रास्ते में ही उसे रोक जवान को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग के साथ धरना शुरू कर दिया था। बाद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के लिखित आश्वासन पर पांच घंटे बाद शव उठाया गया। इसके बाद हजारों लोगों की मौजूदगी में शहीद के शव का अंतिम संस्कार जयकारों के बीच किया गया।
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