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शहरी रोजगार गारंटी योजना पहले वित्त विभाग के फेर में उलझी, अब अगले महीने शुरू होने की उम्मीद

locationसीकरPublished: May 19, 2022 12:26:23 pm

Submitted by:

Sachin

प्रदेश में ग्रामीण मनरेगा की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने की तैयारी कर ली गई है।

शहरी रोजगार गारंटी योजना पहले वित्त विभाग के फेर में उलझी, अब अगले महीने शुरू होने की उम्मीद

शहरी रोजगार गारंटी योजना पहले वित्त विभाग के फेर में उलझी, अब अगले महीने शुरू होने की उम्मीद

सीकर. प्रदेश में ग्रामीण मनरेगा की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने की तैयारी कर ली गई है। पहले प्रदेश की 213 नगर निकायों में मई महीने से योजना शुरू होनी थी, लेकिन वित्त विभाग की स्वीकृति के फेर में योजना अटक गई थी। अब जून में प्रदेशभर में यह योजना शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को 100 से 120 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बजट में इस योजना की घोषणा की थी। देश में अभी हिमाचल में यह योजना लागू है। राजस्थान दूसरा राज्य होगा। काम मांगने पर नगर निकायों को 15 दिन में रोजगार उपलब्ध कराना होगा। निर्धारित पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकार ने 4 लाख लोगों को हर साल 2.25 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार देने का योजना बनाई है।

एेसे सबसे योजना का पूरा खाका

1. सबसे पहले बनेंगे जॉब कार्डशहरी बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी अरबन रोजगार गारंटी का जॉब कार्ड बनाया जाएगा। इसके आधार पर ही शहरी बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सरकार भले ही चार लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए, लेकिन पंजीयन का आंकड़ा दस लाख तक पहुंच सकता है।

2. शहरी मनरेगा में कौनसे काम करने होंगे

बेसहारा पशुओं को पकडऩे के अभियान में सहयोग, अतिक्रमण, अवैध बोर्ड होर्डिंग व बैनर हटवाना, गंदे किए पब्लिक टायलेट व दीवारों की पुताई व पेंटिंग आदि कामों का जिम्मा। इसके अलावा भूमि सुरक्षा के लिए गार्ड, तारबंदी, पार्किंग स्थलों का रख-रखाव, बिजली संबंधी काम, वन विभाग की नर्सरियों के पौधे तैयार कराना, निर्माण-मरम्मत, सार्वजनिक जगह पौधे लगाना, सड़क किनारे सजावट, बगीचों की देखभाल, फुटपाथ, डिवाइडर व सार्वजनिक स्थानों पर पौधों का रखरखाव, रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, रखरखाव व सफाई कराना, घरों से कचरा संग्रहण, डंपिंग साइट पर कचरे का अलग करने का कार्य।

3. जनआधार कार्ड के बिना नहीं हो सकेगा जॉब कार्ड के लिए पंजीयनजनआधार के बिना इस योजना में पंजीयन नहीं होगा। आवेदन विभाग या नगर निकाय के आइआरजीवाई-अरबन एमआइएस पोर्टल पर ऑनलाइन किए जा सकेंगे। संबंधित नगर परिषद, नगर पालिका अथवा ई- मित्र से भी आवेदन किए जा सकेंगे। जॉब कार्ड के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग आवेदन करना होगा।

4. आबादी के अनुपात में तय होंगे बेरोजगार

प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार का विकल्प होगा। 15 दिन का काम पूरा करने के बाद आगामी 15 दिन में बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। अधिकतर वही कार्य हैं, जो शहरी निकायों में संविदा के माध्यम से कराए जा रहे हैं। इसमें कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिक होंगे।

5. हर नगर निकाय में अलग टीम, संविदा पर लगेंगे कर्मचारीसभी जिलों में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। सरकार ने 31 मई तक टीम का गठन करने के निर्देश दिए हैं। टीम में सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, लेखा सहायक, एमआइएस मैनेजर, लेखा मैनेजर, सूचना सहायक, मशीन विद मैन व मल्टी टास्क वर्कर को शामिल किया जाएगा। संविदा के जरिए इन कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। यदि कहीं किसी पद के लिए आवेदन नहीं आते तो प्रतिनियुक्ति पर भी कर्मचारी लेने का प्रावधान है। राज्य स्तर पर नौ पदों के लिए स्थायी कर्मचारी ही लगाए जाएंगे।

वार्डवार बनेगी सूची, 15 दिन में भुगतान

पंजीयन के लिए जनआधार कार्ड अनिवार्य रहेगा। नगर निकायों में वार्डवार सूची तैयार की जाएगी। इसके आधार पर लोगों को काम उपलब्ध कराया जाएगा। हर 15 दिन में श्रमिकों को भुगतान किया जाएगा।धारासिंह मीणा, अपर जिला कलक्टर, सीकर

योजना का खाका तैयार, अगले महीने से रोजगार

राज्य सरकार के निर्देश पर योजना का खाका लगभग तैयार कर लिया है। ऑनलाइन पोर्टल भी जल्द शुरू होगा। नगर निकायों में एक प्रकोष्ठ का गठन कर प्लान भी तैयार कर लिया है।श्रवण कुमार विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, सीकर

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