10 रुपए सैकड़ा ब्याज
रामजीलाल के अनुसार वह ट्रक चलाकर परिवार का पेट पालता है। उसने सूदखोरों से एक बार पौने दो लाख रुपए घरेलू काम के लिए उधार लिए थे, जिसके बदले ढाई लाख अदा कर दिए। दोबारा जरूरत पडऩे पर एक लाख की जगह इनको दो लाख 95 हजार चुकाए। अब नाजायज तरीके से 5 से 10 रुपए सैकड़ा ब्याज लगाकर साढ़े पांच लाख रुपए और चुकने पर आमादा है।
परिवार का जीना हुआ मुश्किल
पीडि़त परिवार का कहना है कि सूदखोरों ने रुपए देने के दौरान तीन खाली हस्ताक्षर युक्त चेक, दो खाली स्टांप गिरवी रख लिए थे। सादे कागज पर पीडि़त के हस्ताक्षर भी करवा रखे हैं। उधारी का सारा पैसा देने के बाद उन्हें चेक व स्टांप लौटा नहीं रहे हैं। उल्टा परिवादी को ही चेक बाउंस का झूठा मुकदमा लगा कर फंसाने की बात कह रहे हैं। दोनों ने परिवादी व उसकी पत्नी सहित बच्चों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर जीना ***** कर रखा है।
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। डराने-धमकाने वाले सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रकरण की जांच एएसआइ भगवान सिंह को सौंप दी है। -भूपसिंह, थानाधिकारी, थोई