Rape in Sikar : सरकार की ओर से भी मदद नहीं मिली है। आज भी रेन बसेरे में रहने को मजबूर है। तब तो काफी लोगों ने मदद का आश्वासन दिया था। अलवर में दुष्कर्म की घटना के बाद सरकार ने दुष्कर्म पीडि़ता के लिए नौकरी देने की बात कहीं थी। उसने एसपी आफिस में जाकर पुलिस में नौकरी के लिए भी आवेदन किया था। कलक्टर साहब ने मना कर दिया मैं नौकरी नहीं दे सकता हूं। दामिनी की मां अभी भी प्रशासन के पास मदद के लिए चक्कर लगाती रहती है।
दास्तां: जिसे कहती थी ‘भाई’ उसने ही बनाया हवस का शिकार, ‘कामिनी’ को आज भी डराती है वो काली रात
घटना का दिन: 20 अगस्त 2012
ईद के दिन 11 साल की दामिनी बहनों के साथ मॉल से फिल्म देख कर ऑटो से डिपो के पास आई। वहां से पैदल ही घर लौट कर आ रही थी। शांतिनगर में पीछे से एक जीप आ गई। उसमें बैठे सुरेश और रमेश ने हाथ पकड़ कर उसे जीप में खींच लिया। तेजी से जीप को भगा कर ले गए। दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। रात को परिचित के घर पर दोनों चले गए। वहां से पांच सौ रुपए लिए और टी शर्ट लेकर चले गए। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की। दोनों दुष्कर्म के बाद सुनसान रास्ते में पटक गए। पुलिस ने दामिनी को इलाज के लिए भर्ती कराया। दोनों को गिरफ्तार किया। उनके रिश्तेदारों को भी पकड़ा गया। गवाहों के आधार पर कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।