प्रदर्शन को संबोधित करते हुए व्यवसायी बनवारी मंडीवाल ने कहा कि एक तरफ तो सरकार सरकारी स्कूलों में ग्रामीणों से सहयोग लेने की बात कर रही हैं और दूसरी तरफ उपखंड में पहले से बेहतरीन स्थिति में संचालित हो रही सरकारी स्कूलों को पीपीपी मोड़ देना चाह रही हैं। ग्रामीण सरकार के इस सपने का कभी साकार नहीं होने देंगे। इसके लिये यदि ग्रामीणों को सरकार से आर पार की लड़ाई भी लडऩी पड़े तो भी हर हाल में लड़ेंगे।
प्रदर्शन को शिक्षक नेता सांवरमल शर्मा व सरंपच कमला देवी ने भी संबोधित किया। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों की ओर से पीपीपी मोड पर देने सम्बन्धी आदेश की होली जलाकर इस सम्बन्ध में रमसा के कनिष्ठ अभियंता दीपक को शिक्षामंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। इस मौके पर हरलाल ख्यालिया, सैयद सुभाष अली, संावत अली, जीवण चौधरी, रिद्धकरण प्रजापत, पंच बलबीर ख्यालियां, जगनाराम गोदारा, त्रिलोक ख्यालिया, जीवण खां, ताराचंद, डालूराम, बनवारी सोनी, कैलाश सोनी, नवरंग गढ़वाल आदि ग्रामीण व बच्चे उपस्थित थे।
नेछवा. सरकार द्वारा किए जा रहे सरकारी स्कूलों के निजीकरण के विरोध में कस्बे के लोगों ने सोमवार को शिक्षा विभाग की टीम के सामने विरोध जताया। प्रदेश में पीपीपी मोड पर दी जा रही स्कूलों में नेछवा की भड़ेच माध्यमिक विद्यालय का नाम भी शामिल है। सोमवार को पीपीपी मोड पर दिये जाने के बाद भौतिक सत्यापन करने पहुंची विभागीय टीम का कस्बे के लोगों ने घेराव किया। लोगों ने टीम के सदस्यों को स्कूल के गेट के बाहर ही रोक लिया तथा विरोध जताया।
सोमवार को अतिरिक्त ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी विजेन्द्र बाटड़ तथा सर्व शिक्षा अभियान में कनिष्ट अभियंता भूपेन्द्र सिंह महला भौतिक सत्यापन करने स्कूल में पहुंचे। इसका पता लगते ही स्कूल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने टीम को स्कूल में नहीं घुसने दिया तथा स्कूल को पीपीपी मोड पर नहीं दिये जाने संबंधी ज्ञापन भी टीम सदस्यों को सौंपा। इस कारण विभाग की टीम बिना सत्यापन किये ही बैरंग लौट गई। इस दौरान रमेश खंडेलवाल, जुगलकिशोर मोर, महावीर सिंह तंवर, कल्याण सिंह तंवर,समेत कई लोगों ने विरोध जताया।