नीमकाथाना/मावंडा. राजस्थान के सीकर जिला नीमकाथाना इलाके के डाबला गांव में अवैध ब्लास्टिंग व माइनिंग के बाद चर्चा में रहा डाबला गांव फिर 11 वर्ष बाद सुर्खियों में आने लगा है। माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए चारागाह भूमि से रास्ता काटने के आदेश पर प्रशासन व ग्रामीण आमने सामने की तैयारी में है।
सीकर
Published: June 18, 2022 11:54:26 am
नीमकाथाना/मावंडा. राजस्थान के सीकर जिला नीमकाथाना इलाके के डाबला गांव में अवैध ब्लास्टिंग व माइनिंग के बाद चर्चा में रहा डाबला गांव फिर 11 वर्ष बाद सुर्खियों में आने लगा है। माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए चारागाह भूमि से रास्ता काटने के आदेश पर प्रशासन व ग्रामीण आमने सामने की तैयारी में है। गौरतलब है कि जिला कलक्टर ने एसडीएम की रिपोर्ट पर चारागाह भूमि से 30 फीट चौड़ा रास्ते के लिए सेट अपार्ट के आदेश जारी किए है। जैसे ही चारागाह भूमि से रास्ता काटने की ग्रामीणों को भनक लगी तो गांव में विरोध के शुर शुरू होने लग गए। शुक्रवार को गांव डाबला के ग्रामीण 11 वर्ष पहले आंदोलन किया था उसी जगह एकत्रित होकर चर्चा की तथा रास्ता काटने के विरोध में एकमत होने का निर्णया लिया। ग्रामीणों की प्रशासन से मांग है कि काटे गए रास्ते के आदेश को 3 दिन में वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि डाबला में वर्तमान में 54 लीज स्थित है। जिनमें 3 लीज का कुछ दिनों पहले ही एग्रीमेंट किया गया है। सूत्रों के अनुसार 5 लीज इसी को लेकर पेंडिंग चल रही है तथा 5 लीज कोर्ट अपील में है। इन लीज में स्थानीय व बाहर के जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों की भी शामिल होना बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि चारागाह भूमि आबादी से दूरी है। रास्ता केवल माफियाओं के वाहनों के परिवहन के अलावा ग्रामीणों के उपयोग में नहीं आने वाला है। ऐसे में सीधा सवाल खड़ा हो रहा है कि प्रशासन ग्रामीणों को छोड़ केवल माफियाओं का साथ दे रहा है।
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