सीकरPublished: Feb 28, 2019 05:47:35 pm
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छह साल की प्रतिक्षा, एक आदेश से झूम उठा जहान
छह साल की प्रतिक्षा, एक आदेश से झूम उठा जहान
छह साल की प्रतिक्षा, एक आदेश से झूम उठा जहान
सीकर. छह साल से नौकरी का इंतजार कर रहे बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने अब पंचायतीराज विभाग के जरिए वर्ष 2013 में हुई कनिष्ठ लिपिकों की सीधी भर्ती के शेष 10 हजार 29 रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला किया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए है। पंचायतीराज विभाग ने वर्ष 2013 में 33 जिला परिषदों में कनिष्ठ लिपिकों के 19 हजार 275 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें अभ्यर्थियों को सीनियर सैकंडरी परीक्षा में प्राप्तांकों का 70 प्रतिशत वेटेज दिए जाने एवं अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष दस बोनस अंक (अधिकतम 30 अंक) का वेटेज देने तथा आरएससीआईटी की पात्रता का प्रावधान किया था।
कार्यमुक्त करने के दिए निर्देश
सीकर. उच्च न्यायालय ने तृतीय श्रेणी शिक्षिका की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 फरवरी 2019 के नियुक्ति आदेश की पालना में कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए है। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक, राजसमंद जिला परिषद के सीईओ सहित पांच अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायालय ने लक्ष्मणगढ़ तहसील निवासी शर्मिला कुमारी की याचिका पर दिया है। एडवोकेट संदीप कलवानिया ने याचिका में बताया कि वर्ष 2016 में निकाली गई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में आवेदन किया था।
पुलिस पर फायरिंग का आरोपी गिरफ्तार
सीकर. घेरा डालने के बाद पुलिस पर फायरिंग कर बाइक पर फरार होने वाले हिस्ट्रीशीटर विजेंद्र उर्फ विजय को नीमकाथाना पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि इसके साथ फरार हुए दूसरे आरोपी विक्रम उर्फ राठौड़ की तलाश में संदिग्ध जगहों पर छापे मारे जा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार फरार चल रहे हीरानगर निवासी विजेंद्र व उसके साथी विक्रम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक जनवरी को इनकी घेराबंदी कर ली थी। लेकिन, पुलिस को देखकर दोनों एक बाइक पर फरार होने लगे तो पुलिस ने इनका पीछा करना शुरू कर दिया था। लेकिन, आरोपियों ने इस दौरान पुलिस पर फायर करना शुरू कर दिया और बाल-बाल बचते हुए बाइक लेकर फरार होने में कामयाब हो गए थे। हालांकि बदले में पुलिस ने भी इन दोनों पर फायर किए थे।
सीबीआइ अधिकारी बताकर उठा लिया था ४.५० लाख का ऋण
बैंक अधिकारियों की मिलीभगत
सीकर. लोगों के फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंकों से लाखों रुपए का ऋण उठाने वाले आरोपी ओमप्रकाश जेयसवाल से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसमें आरोपी सीबीआई अधिकारी बनकर भी लोगों को चुना लगा चुका है। जिसके तहत दो होटल वालों को इसने शिकार बनाया और साढे़ चार लाख रुपए का ऋण उनके नाम उठाकर फरार हो गया था।
प्रकरण के जांच अधिकारी बीरबल सिंह पूनिया ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को दो होटल वाले जयपुर से कोतवाली पहुंचे थे। उनका कहना था कि ओमप्रकाश ने उनके साथ भी ऋण दिलाने के नाम पर ठगी की है। इसके लिए आरोपी सीबीआई अधिकारी बनकर उनसे मिला था। अपनी ऊंची पहुंच बताकर ऋण दिलाने का झांसा दिया और इनसे दस्तावेज लेकर अपने पास रख लिए। इसके बाद इन्हीं के दस्तावेज बैंक में लगाकर एक के नाम से डेढ़ लाख तो दूसरे के नाम से तीन लाख रुपए का ऋण उठाकर फरार हो गया। इसके बाद जब संबंधित बैंक कर्मचारी ऋण की किश्त लेने घर पहुंचे तो इनको ठगी का पता लग पाया। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई है। जिसकी जांच की जा रही है। गौर तलब है कि कोतवाली पुलिस फर्जी ऋण उठाने वाले आरोपी ओमप्रकाश को हरियाणा से गिरफ्तार करके लाई थी।
अधिकारी भी शामिल
फर्जी तरीके से ऋण उठाने वाले आरोपी के साथ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। आरोपी ने जयपुर स्थित बैंक अधिकारी मुकेश से सांठ-गांठ कर दादिया की किरण देवी के जमीन के कागज बैंक में गिरवी रखकर ४० लाख का ऋण स्वीकृत करा लिया। बैंक अधिकारी का कहना था कि चीफ मैनेजर रमेश कुंडल के कहने पर लोन स्वीकृत किया था।