सीकर

24 घंटे रोक थी, बिका मावा

मावा व मावे से निर्मित मिठाईयों की
बिक्री पर बुधवार शाम को राज्य सरकार ने रोक लगाई और उसके बाद गुरूवार शाम आदेश को
पुन: वापस ले लिया गया।

सीकरOct 09, 2015 / 03:08 am

कमल राजपूत

Sikar news

सीकर। मावा व मावे से निर्मित मिठाईयों की बिक्री पर बुधवार शाम को राज्य सरकार ने रोक लगाई और उसके बाद गुरूवार शाम आदेश को पुन: वापस ले लिया गया। सरकार के आदेश 24 घंटे भी प्रभावी नहीं रहे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई को लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिनभर आदेश मिलने का इंतजार करते रहे। इस दौरान शहर में दिनभर कई दुकानों पर जमकर मिलावटी मावे की बिक्री हुई। शहर में प्रतिदिन सत्तर से अधिक दुकानों पर 800 किलोग्राम से अधिक मावे का कारोबार होता है। जिसमें से अधिकतर बिक्री मिलावटी मावे की होती है।

बाहरी क्षेत्रों से आता है मावा
सीकर में डूंगरगढ़, बीकानेर व रतनगढ़ आदि क्षेत्रों से मावा आता है। जिसकी बिक्री दर लगभग 150 रूपए प्रति किग्रा से शुरू होती है। जबकी बाजार में बनने वाले शुद्ध मावे की बिक्री दर लगभग 350 रूपए प्रति किग्रा है। सिन्थेटिक मावे में फेट व चिकनाहट की कमी, अरारोट व सफेद आलू आदि की मिलावट होती है। अरारोट को वजन बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

150 हुए थे बीमार
29 सितंबर को नेछवा में विषाक्त भोजन से लगभग 150 लोग बीमार हुए। जिसके पpात चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। खाद्य सुरक्षा विभाग ने मावे में मिलावट की आशंका जताते हुए मौके से 9 सैंपल लेकर जांच के लिए जयपुर भेज दिए।

पत्रिका ने गुरूवार को जब इस संबंध में मिठाई के दुकानदारों से बात की तो दुकानदारों ने कहा कि मिलावटी मावे की बिक्री पर रोेक लगनी चाहिए। बाजारों में उपभोक्ता सस्ते के चक्कर में मिलावटी मावा खरीद रहे हैं। यह मावा स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

मिलावटी मावे की जांच कार्रवाई के लिए विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। इस प्रकार की कार्रवाई से उपभोक्ताओं को ही लाभ मिलेगा।
सुभाष अग्रवाल, दुकानदार, स्टेशन रोड

नब्बे प्रतिशत मिठाईयां मावे से निर्मित होती हैं, मावे पर प्रतिबंध असभंव है। लेकिन मिलावटी मावे पर रोक लगनी चाहिए।
मुकेश सैनी, हलवाई, सूरजपोल गेट

बाजार में पचास फीसदी मावा असली व पचास फीसदी मावा मिलावटी है। मिलावटी मावे की जांच होनी चाहिए।
राजीव मिश्रा, दुकानदार, पुराना दूजोद गेट

मावा व मावे की मिठाई पर रोक के विभागीय आदेश नहीं मिलने के कारण कार्रवाई नहीं करवाई गई। मावा व अन्य खाद्य वस्तुओं में मिलावट रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
डा एस एस अग्रवाल, सीएमएचओ

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