लेकिन जलभराव वाले स्थानों से पानी की निकासी नहीं होने बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा विभाग ने स्वास्थ्य केन्द्रों में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए बैड आरक्षित रखने को कहा है। जिले में बारिश के बाद जलभराव वाले स्थानों की सूची मांगी है। विभाग ने लिखित में संबंधित अधिकारियों को सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि बारिश के बाद संक्रामक मौसमी बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
साफ पानी में डेंगू का मच्छर, जांच की संख्या बढ़ी
बदलते मौसम में बुखार का प्रकोप बढऩे के कारण जिला लैब में आने वाले अधिकांश जांच में चिकित्सक डेंगू व मलेरिया की जांच करवा रहे हैं। लैब में रोजाना एक-दो पॉजीटिव मरीज सामने आ रहे हैं।
इन बीमारियों का खतरा
डेंगू बुखार भी एडिज मच्छर के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। मलेरिया रोग मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। स्क्रब टाइफस खरपतवार में पैदा होने वाली परजीवी के कारण होता है। चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है। इन बीमारियों के फैलने के खतरे को देखते हुए सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी अलर्ट पर रखा गया है। पिछले वर्ष डेंगू और चिकनगुनिया ने काफी लोगों को चपेट में ले लिया था।
साधारण बुखार को हल्का नहीं लें
बारिश की मौसमी बीमारियों की शुरूआत साधारण बुखार से होती है। बारिश में निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में अगर कोई बीमारी या तकलीफ परेशान करती है तो किसी भी सूरत में सेल्फ मेडिकेशन यानी खुद दवा न लें। बुखार के ज्यादा दिन तक रहने से प्रतिरोधक क्षमता गिर जाती है। जिससे रोगी अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है क्योंकि इसकी वजह से तमाम संक्रमण शरीर में घर कर जाते हैं जो लंबे समय तक परेशान करते हैं। बारिश के बाद उडऩे वाली धूल की वजह से श्वसन संबधी बीमारियां भी होने की आशंका रहती है।
मच्छरों के लिए अनुकूल हुआ मौसम
बारिश के दौरान जलभराव होने के कारण मच्छरों के पनपने के लिए मौसम अनूकूल बना हुआ है। चिकित्सकों के अनुसार जुलाई व अगस्त में डेंगू-मलेरिया व टायफाइड जैसे घातक रोगों का प्रकोप सबसे अधिक होता है। इसके लिए साफ-सफाई व बचाव के पर्याप्त इंतजाम करने जरूरी है। पिछले साल कई लोगों की मौत डेंगू से हो गई है।