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कोरोना की लहर के साथ बदलता गया ठगी का तरीका

locationसीकरPublished: Jan 18, 2022 08:39:11 pm

Submitted by:

Ajay Ajay Sharma

पहली लहर में कार पास और मास्क के नाम पर ठगी
दूसरी लहर में रेमडीसीवर इंजेक्शन के पर खूब हुई ठगीपुलिस में भी दर्ज हुए दस मामले,

अब तीसरी लहर में बूस्टर डोज के नाम पर आने लगे फर्जी मैसेज

अब तीसरी लहर में बूस्टर डोज के नाम पर आने लगे फर्जी मैसेज

अजय शर्मा. सीकर.
कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप की तरह प्रदेश में ठगी का तरीका भी हर लहर में बदलता गया। कोरोना की पहली लहर में अचानक हुई लॉकडाउन की घोषण के बाद सैकड़ों लोग फंस गए। ऐसे में बस व कार पास के नाम पर काफी ठगी का खेल हुआ। कई पीडि़तों की ओर से पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई गई। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा ठगी रेमडीसीवर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर व मास्क को लेकर हुई। खुद पुलिस को कई स्थानों पर स्टिंग कर कई ठगों को पकड़ा। प्रदेश के नौ शहरों में इंजेक्शन के कई गुणा दाम वसूलने और नकली इंजेक्शन देने की भी शिकायत दर्ज हुई। अब तीसरी लहर के आते ही बूस्टर डोज के नाम पर ठगी का नया खेल शुरू हो गया है। कई कस्बों में तो ठगों ने बूस्टर डोज के नाम पर लोगों को निशाना बनाना भी शुरू कर दिया है। इस संबंध में कई साइट की ओर से अब लगातार लोगों को आगाह किया जा रहा है कि आरोग्य सेतु एप की ओर से किसी को भी बूस्टर डोज के लिए फोन नहीं कराया जा रहा है।
इन तीन उदाहरणों से समझें तीनों लहर में ठगी

केस एक: यूपी जाना था, कार बुक की, ओटीपी आते ही पैसे साफ
झुंझुनूं में कार्यरत यूपी के श्रमिकों ने लॉकडाउन में छूट मिलने पर घर जाने के लिए ऑनलाइन कार की बुकिंग की। इस दौरान एक साइट से कार भी बुक हो गई। जैसे ही ओटीपी बताया तो श्रमिक के खाते से 12 हजार रुपए पार हो गए। इसके बाद श्रमिकों ने उस कंपनी के नंबर पर अलग-अलग नंबरों से फोन किए लेकिन कॉल रिसिव नहीं हुआ।
केस दो: पिता अस्पताल में भर्ती थे, दलाल इंजेक्शन के नाम पर ले गए पैसा
सीकर निवासी सीताराम प्रजापत के पिता कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर बीमार हो गए। सीकर में बैड नहीं मिलने पर परिचितों के जरिए जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों की ओर से इंजेक्शन मंगाने की बात कही। सीएमएचओ कार्यालय में एप्लीकेशन दी तो ऑनलाइन आवंटन का तर्क देकर टरका दिया। जब उन्होंने एक दलाल से सम्पर्क किया तो वह 60 हजार रुपए लेकर चला। बाद में उसने अपना फोन ही बंद कर लिया।
केस तीन: और खाते से साफ हो गए 30 हजार
फिलहाल आगरा में काम करने वाले सीकर निवासी सोनेन्द्र ने बताया कि चार दिन पहले उनके पास बूस्टर लगवाने के लिए कॉल आया। उन्होंने जब आधार कार्ड, पहली व दूसरी डोज लगने की तिथि सही बता दी तो पूरा यकीन हो गया। इस पर उन्होंने ओटीपी नंबर बता दिया। इस पर उनके खाते से 30 हजार रुपए पार हो गए। उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
पत्रिका अलर्ट: ऐसे फ्रॉड कॉल से सावधान रहें, आपको आधार नंबर तक भी बताया जा सकता है

साइबर ठग आपको कॉल करते हुए आपका आधार नंबर, नाम, आयु, पता, आधार नंबर जैसी कई जानकारी दे सकते है ताकि सभी चीजें असली लगे। लेकिन इस पर गलती से भी भरोसा ना करें। क्योंकि आपको विश्वास दिलाकर ठगी के लिए ऐसा तरीका अपनाने की कई शिकायत पुलिस तक पहुंची है। आपको कॉल करते हुए कहा जाएगा कि, आपने दोनों डोज ले ली हैं। वहीं आप बूस्टर डोज लेने के लिए भी एलिजिबल हैं, इसलिए आपके नाम से रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, इसके लिए आपको ओटीपी बताना होगा। लेकिन जरूरी है कि आप ओटीपी ना बताएं।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप बूस्टर डोज लेने के लिए भी एलिजिबल हैं, तो खुद ही ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं, या फिर ऑन स्पॉट भी बुकिंग की जा सकती है। इसलिए किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी नंबर शेयर ना करें।

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