
राजस्थान में सर्दी का थर्ड डिग्री टॉर्चर जारी है। रात के पारे में लगातार गिरावट से बाहरी इलाकों में बर्फ जमने लगी है। खेत, खलिहान और कई फसलों पर मंगलवार सुबह बर्फ की चादर नजर आई। दिनभर धूप खिली, लेकिन गलन के आगे बेअसर साबित हुई।
पिछले 24 घंटे में राजस्थान में सर्वाधिक अधिकतम तापमान बाड़मेर और पाली में 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस करौली में दर्ज किया गया। विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में शीतलहर चलने से सर्दी का असर तेज होगा।
सर्दी के तेवर तेज होने की वजह से मौसम विभाग ने राजस्थान के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने 18 दिसंबर को प्रदेश के 8 जिलों अलवर, दौसा, झुंझुनूं, करौली, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़ और नागौर के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। 19 दिसंबर के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, झुंझुनूं, करौली, सवाई माधोपुर, चूरू और हनुमानगढ़ के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
20 दिसंबर को 14 जिलों अलवर, भरतपुर, बारां, बूंदी, दौसा, धौलपुर, झुंझुनूं, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, चूरू, हनुमानगढ़, नागौर और श्रीगंगानगर के लिए चेतावनी जारी की गई है। 21 दिसंबर को भी अलवर, भरतपुर, बारां, बूंदी, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, नागौर और श्रीगंगानगर के लिए शीतलहर पड़ने का अलर्ट जारी हुआ है।
अलवर, झुंझुनूं, करौली, चूरू और सीकर समते कई जिलों में पाला गिरने की तस्वीरें सामने आई हैं। इससे रबी की फसल को नुकसान की आशंका है। इससे किसानों के चेहरे पर परेशानी की लकीरें साफ नजर आ रही हैं। सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी में होने की संभावना होती है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस वक्त किसानों को सब्जी में सिंचाई करनी चाहिए, ताकि बर्फ का असर कम हो सके। वहीं, यह बर्फ गेहूं की फसल के नुकसानदायक नहीं है। अधिक सर्दी वाले मौसम में गेहूं और जौ को लाभ होगा।
तेज सर्दी का असर लोगों की दिनचर्या पर भी नजर आया। रात के वक्त लोग जल्दी रजाई में लिपटे दिखे और सुबह देरी से उठे। रात और सुबह सड़क के किनारे लोग अलाव तापते नजर आए तो चाट-पकौड़ी की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आई। बाग-बगीचों में घूमने के लिए आने वाले लोगों की संख्या कम रही।
निजी स्कूलों का सितम जारी है। शिक्षा विभाग केे आदेश के बावजूद बच्चों को सुबह जल्दी स्कूल बुलाया जा रहा है। नन्हे-मुन्ने बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि आदेश निकालने वाला शिक्षा विभाग खुद मौन है।
Updated on:
17 Dec 2024 05:09 pm
Published on:
17 Dec 2024 04:42 pm
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