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रीट भर्ती से पहले बिछा जाली अंकतालिकाओं का जाल

locationसीकरPublished: Jan 23, 2021 04:54:53 pm

Submitted by:

Ajay

रीट भर्ती से पहले बिछा जाली अंकतालिकाओं का जालरीट के नए नियमों से कूट रहे चांदी :स्नातक में 50 फीसदी से कम अंक वाले विद्यार्थी अब अवैध तरीके से स्नातकोत्तर की अंकतालिका का कर रहे जुगाड़ प्रदेशभर में घर बैठे अंकतालिका दिलाने वाले कथित कन्सलटेंट हुए सक्रिय

10 लाख युवाओं की नौकरी की उम्मीद हुई बेपटरी

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अजय शर्मा सीकर.
प्रदेश में रीट के जरिए होने वाली 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के नए नियमों ने बेरोजगारों की मुसीबत बढ़ाने के साथ कई निजी विश्वविद्यालयों की चांदी कर दी है। प्रदेशभर में कई निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े कथित कन्सलटेंट सक्रिय हो गए हैं। कुछ एजेंट तो विद्यार्थियों से मोटी रकम लेकर घर बैठे स्नातकोत्तर की अंकतालिका दिलाने का दावा कर रहे हैं। दरअसल, इस बार रीट द्वितीय लेवल में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर में 50 फीसदी अंकों की अनिवार्यता की गई है। ऐसे में सामान्य वर्ग के जिन अभ्यर्थियों के स्नातक में 50 फीसदी अंक नहीं हैं, वे अब ऐसे एजेंट के मार्फत प्रवेश लेकर सीधे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की अंकतालिका का जुगाड़ कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2018 की रीट में वैटेज के नियम की वजह से मामला एसओजी तक पहुंचा था। इस बार स्नातकोत्तर की अंकतालिकाओं का मामला चर्चा में आ रहा है।
पहले यह नियम:
केवल स्नातक की पात्रतारीट भर्ती 2018 में स्नातक में 50 फीसदी अंकों की अनिवार्यता थी। लेकिन इसमें एससी, एसटी सहित अन्य वर्गों को पांच फीसदी छूट दी गई। स्नातकोत्तर का कोई प्रावधान नहीं था।
…और नई भर्ती में यह नियम रीट 2021 में प्रावधान किया गया है कि जिन अभ्यर्थियों के स्नातक में 50 फीसदी अंक नहीं है उनके स्नातकोत्तर में 50 फीसदी अंक होने पर शामिल किया जा सकेगा। सामान्य वर्ग के अलावा अन्य अभ्यर्थियों को छूट पहले की तरह मिलेगी।
हर बार रीट भर्ती में जाली अंकतालिकाओं का जाल
रीट 2018 के द्वितीय लेवल में 70 फीसदी अंक रीट के प्रमाण पत्र व 30 फीसदी अंक स्नातक के शामिल कर अंतिम चयन सूची तैयार हुई थी। इस दौरान प्रदेश के कई निजी विश्वविद्यालयों पर फर्जी अंकतालिका जारी करने के आरोप भी लगे। मामला एसओजी तक पहुंचा। सरकार को कुछ निजी विश्वविद्यालयों में प्रशासक लगाने पड़े।
पीजी की फीस बढ़ाइर्
इस भर्ती में स्नातकोत्तर की अंकतालिका को लेकर अभी से मामला तूल पकडऩे लगा है। सूत्रों की मानें तो पिछले दस दिन में कई निजी विश्वविद्यालयों ने स्नातकोत्तर की फीस डेढ़ से दो गुणा तक बढ़ा दी है। पीजी की माक्र्स शीट के लिए देश के 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में 20 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने दाखिला भी लिया है।
विधानसभा में उठा था मामला
पिछली रीट भर्ती के दौरान कई विधायकों ने विधानसभा में भी जाली अंकतालिकाओं का मामला उठाया था। इस दौरान उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए जवाब में सरकार ने नौ निजी विश्वविद्यालयों पर लगे आरोप की जांच रिपोर्ट पेश की थी। एक निजी विवि से फर्जी डिग्री जारी होने के मामले की जांच एसओजी ने की थी। इसके बाद सरकार ने यहां प्रशासक नियुक्त किया था। इसके अलावा एक अन्य निजी विवि के प्रबंधन ने विवि के नाम की जाली अंकतालिका जारी होने का कहते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी। अभी भी प्रदेश के पांच निजी विश्वविद्यालयों के मामले न्यायालय में विचाराधीन है।
विभाग ने जारी किया अलर्ट, जांच कर प्रवेश लें
लगातार शिकायतों के बाद विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी किया गया है। इसमें संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा विभाग ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों को स्टडी सेंटर या अन्य सेंटर की अनुमति राज्य सरकार व यूजीसी से लेना अनिवार्य है। पाठ्यक्रमों में प्रवेश मेरिट के आधार पर ही दिए जा सकते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदेश के पांच निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ गंभीर शिकायत है। इनकी जांच विभिन्न स्तर पर जारी है। कई मामले न्यायालय में भी विचाराधीन है। ऐसे में विद्यार्थी अपने स्तर पर जांच कर प्रवेश लें।
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