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ये क्या! अस्थियां भी होती हैं चोरी, जानिए अनोखा मामला

locationसीकरPublished: Jun 13, 2021 07:04:27 pm

What is this! Bones are also stolen, know the unique caseइससे पहले शायद ही आपने ऐसा सुना होगा। अस्थियां चोरी होने की इससे पहले कभी कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया। राजस्थान के सीकर जिले में इस मामले ने सभी का ध्यान खींचा है।

ये क्या! अस्थियां भी होती हैं चोरी, जानिए अनोखा मामला

ये क्या! अस्थियां भी होती हैं चोरी, जानिए अनोखा मामला

What is this! Bones are also stolen, know the unique case
-परिवार में चाचा पर लगाया अस्थियां चोरी का आरोप
-मृतक की अस्थियां चोरी का मामला दर्ज
-पुलिस लगी ढूंढने
सीकर. राजस्थान (rajasthan) के शेखावाटी इलाके के सीकर (sikar) जिले में गांव मोठूका रातोंरात देश-दुनिया के नक्शे पर आ गया। पाटन (patan) कस्बे के इस गांव में मृतक की अस्थियां चोरी होने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मामले को लेकर पुलिस में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। जिसके बाद से पुलिस मृतक की अस्थियां ढूंढने में लग चुकी है।

क्या है पूरा मामला
पाटन के गांव मोठूका की तन में स्थित जीताला की ढाणी में मृतक के पुत्र ने परिवार में चाचा पर अस्थि चोरी का आरोप लगाते हुए अजीबोगरीब मामला नामजद दर्ज करवाया है। थानाधिकारी बृजेश सिंह तंवर बताते हैं कि जीताला की ढाणी निवासी राकेश यादव ने रिपोर्ट दी है कि उसके पिता की मृत्यु 13 मई को हो गई थी। 17 मई को सुबह 9 बजे परिजनों ने अस्थि संचय करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे गड्ढा खोदकर अस्थियों को दबा दिया था। जिससे कि कोई जानवर नहीं ले जा सके। उसी दिन दोपहर 3 बजे गंगाजी में अस्थि विसर्जन के लिए अस्थियां लेने गए तो वहां अस्थियां नहीं मिली।

समाज हुआ इकटठा
मृतक के पुत्र राकेश का आरोप है कि पूछताछ करने पर सामने आया कि सतीश यादव उन अस्थियों को वहां से ले गया। बाद में समाज के लोगों को एकत्रित कर सतीश को अस्थियां वापस लौटाने को कहा गया। राकेश ने बताया कि बाद में सतीश के परिवार में भी मौत हो जाने से उस समय मामला दर्ज नहीं करवाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

कोरोनाकाल की समस्या!
दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने सबसे ज्यादा परेशान किया। संक्रमण के कारण काफी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ गई। आवागमन के साधन बंद होने के कारण अस्थियों का विसर्जन नहीं हो सका। ऐसे में अस्थियों को या तो श्मशान घाट या फिर कही अन्य स्थानों पर रखा गया। लोग इंतजार करते रहे कि आवागमन के साधन खुलते ही इनका विसर्जन किया जाए। अब जब अनलॉक होना शुरू हुआ तो आवागमन के साधन भी चलने लगे हैं। मृतकों के परिजन संभाली हुई अस्थियों के विसर्जन की तैयारी कर रहे हैं।

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