scriptVIDEO : एक सवाल पर यूं फूट-फूटकर रोया, सबको हंसाने वाला मुरारी लाल, जानिए इनका सबसे बड़ा गम | When Murari ki kocktail Youtube acotre Murari lal cried | Patrika News

VIDEO : एक सवाल पर यूं फूट-फूटकर रोया, सबको हंसाने वाला मुरारी लाल, जानिए इनका सबसे बड़ा गम

locationसीकरPublished: Nov 04, 2017 05:26:13 pm

Submitted by:

vishwanath saini

मुरारी की कॉकटेल यूटयूब वीडियो वाले मुरारी लाल पारीक राजस्थान के चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के गांव गोगासर के रहने वाले हैं।

Who is Murari ki kocktail
विश्वनाथ सैनी सीकर. ‘मुरारी की कॉकटेल’। नाम लेने भर से चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। बत्तीसी खिल उठती है। ये बंदा है ही ऐसा। खूब हंसता है। हंसाता भी है। इसके बोलने, चलने और जलवे दिखाने का देसी अंदाज लाखों दिलों पर राज करता है। हर बार इसका रूप बदला हुआ नजर आता है। चाय की थड़ी हो या कोई दफ्तर हर जगह इसकी चर्चाएं होती हैं।
इसे लोग काका कुमाण्सी भी कहते हैं, मगर असली नाम है मुरारी लाल पारीक। ये राजस्थान के चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के गांव गोगासर के रहने वाले हैं। यूट्यूब मुरारी की कॉकटेल, मुरारी की मस्ती, कॉमेडी टीवी और कॉमेडी विद मुरारी चैनल पर इनके वीडियो खूब लाइक, कमेेंट, शेयर व सबस्क्राइब पा रहे हैं।
कहते हैं किसी आदमी को ठीक से समझना हो तो ‘बीस’ बार देखो, क्योंकि हर आदमी के बीस चेहरे होते हैं। बीस चेहरे मुरारी लाल के भी है, मगर किसी चेहरे से ये बयां नहीं होता कि हम सबको हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देने वाले इस चेहरे के पीछे भी एक बहुत बड़ा गम छिपा हुआ है, जो इसे ताउम्र सालता रहेगा।
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www.rajasthanpatrika.com से बातचीत में मुरारी लाल पारीक से उनके कभी नहीं भूल सकने वाले वाकया के बारे में सवाल किया गया तो एक बारगी मुरारी लाल खामोश हो गए। इनका गला रुंध गया। आंखें नम हो गई। वाकया बयां करते-करते मुरारी लाल फूट-फूटकर रोने लगे।
जानिए मुरारी लाल का ‘दर्द’ उसी की जुबानी

‘मैं दादी के दिल के सबसे करीब था। ये वाकया 1990 के दशक का है। तब मैं कॉमेडी नहीं किया करता था। रोजगार के सिलसिले में असम में था। परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। असम में मुझे सात सौ रुपए प्रतिमाह मिलते थे। दादी सावित्री व परिवार के अन्य सदस्य गांव गोगासर में थे। दादी की तबीयत खराब हो गई। वे मरणासन स्थिति में आ गई।
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अंतिम सांसें ले रही थी, मगर एक ही नाम पुकार रही थी। मुरारी आयग्यो कै…मुरारी आयग्यो कै…। मुझे असम में सूचना मिली कि दादी बुला रही है। मैं तत्काल गांव आना चाहता था, मगर तंगहाली ने राह रोक ली। घर आने तक के किराए के पैसे नहीं थे। ना ही उसी वक्त किसी ने पैसे उधार दिए।
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इधर, मुझे पुकार रही दादी के प्राण नहीं निकल रहे थे तो लोगों ने परिवार के एक युवक को दादी के सामने भेजकर बोले कि ये लो मुरारी आ गया। दादी ने उस युवक की तरफ देखा तो युवक बोला कि दादी मैं आ गया। दादी जानती थी कि वो मैं नहीं था, क्योंकि मंै उसे दादी नहीं बल्कि ‘मां’ बोलता था। इसके बाद दादी मां के प्राण निकल गए। जिंदगी की ये घटना मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।’
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