शिक्षकों के तबादलाें की राह में चुनौती
1. 85 हजार आवेदन: इसलिए चार साल से टल रही मांग
प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन लिए जा चुके है। इस दौरान लगभग 85 हजार ऑनलाइन आवेदन हुए थे। शिक्षा विभाग की चुनौती यह जिन जिलों से यह शिक्षक आएंगे और जिन जिलों में जाना चाहते है वहां इतने पद नहीं है। ऐसे में मनपंसद जगह तबादला नहीं होने पर सियासी फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसलिए सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले के मुद्दे को लगातार टाला जा रहा है।
1. 85 हजार आवेदन: इसलिए चार साल से टल रही मांग
प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन लिए जा चुके है। इस दौरान लगभग 85 हजार ऑनलाइन आवेदन हुए थे। शिक्षा विभाग की चुनौती यह जिन जिलों से यह शिक्षक आएंगे और जिन जिलों में जाना चाहते है वहां इतने पद नहीं है। ऐसे में मनपंसद जगह तबादला नहीं होने पर सियासी फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसलिए सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले के मुद्दे को लगातार टाला जा रहा है।
2. नई भर्ती: एक महीने में मिलेंगे 48 हजार नए शिक्षक
तृतीय श्रेणी शिक्षक में प्रथम लेवल की एक भर्ती पिछले साल पूरी हो चुकी है। कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से प्रथम लेवल व द्वितीय लेवल की भर्ती का परिणाम मई-जून में जारी होगा। ऐसे में विभाग काे अगले एक महीने में नए 48 हजार शिक्षक मिल जाएंगे। यदि इनके पदस्थापन से पहले विभाग तबादला नहीं कर सका तो गणित पूरी तरह बिगड़ सकता है।
तृतीय श्रेणी शिक्षक में प्रथम लेवल की एक भर्ती पिछले साल पूरी हो चुकी है। कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से प्रथम लेवल व द्वितीय लेवल की भर्ती का परिणाम मई-जून में जारी होगा। ऐसे में विभाग काे अगले एक महीने में नए 48 हजार शिक्षक मिल जाएंगे। यदि इनके पदस्थापन से पहले विभाग तबादला नहीं कर सका तो गणित पूरी तरह बिगड़ सकता है।
3. समायोजन: अचानक विभाग को लेना पड़ा यूटर्न
शिक्षा विभाग की ओर से पिछले एक महीने से समायोजन को लेकर तेजी से तैयारी की जा रही थी। लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते शिक्षा विभाग को यूटर्न लेना पड़ा। कई शिक्षकों का कहना है कि सरकार को सिर्फ इस समय तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का गणित बनाने को लेकर तैयारी करनी चाहिए।
शिक्षा विभाग की ओर से पिछले एक महीने से समायोजन को लेकर तेजी से तैयारी की जा रही थी। लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते शिक्षा विभाग को यूटर्न लेना पड़ा। कई शिक्षकों का कहना है कि सरकार को सिर्फ इस समय तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का गणित बनाने को लेकर तैयारी करनी चाहिए।
पॉलिसी के नाम पर शिक्षकों को टरकाया
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों में हो रही देरी के मामले में सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि 17 मई को प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। आरोप लगाया कि सीएम ने पॉलिसी के हिसाब से तबादले करने का आश्वासन देकर मुद्दे को टरका दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का शिक्षक इस मामले में अब कतई चुप रहने वाला नहीं है।
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों में हो रही देरी के मामले में सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि 17 मई को प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। आरोप लगाया कि सीएम ने पॉलिसी के हिसाब से तबादले करने का आश्वासन देकर मुद्दे को टरका दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का शिक्षक इस मामले में अब कतई चुप रहने वाला नहीं है।