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VIDEO: wildlife census: रातभर सुनाई देती रही पैंथर की दहाड़, सुबह पहाड़ी पर दिखा मादा शावक

locationसीकरPublished: May 17, 2022 11:54:33 am

सीकर. वन्य जीव गणना मंगलवार को दूसरे दिन सुबह भी जारी रही। करीब 250 से ज्यादा वनकर्मी और वन मित्र इस गणना में जुटे रहे। जो 70 वाटर प्वाइंट पर वन्य जीवों की गणना करते रहे।

VIDEO: wildlife census: रातभर सुनाई देती रही पैंथर की दहाड़, सुबह पहाड़ी पर दिखा मादा शावक

VIDEO: wildlife census: रातभर सुनाई देती रही पैंथर की दहाड़, सुबह पहाड़ी पर दिखा मादा शावक

सीकर. वन्य जीव गणना मंगलवार को दूसरे दिन सुबह भी जारी रही। करीब 250 से ज्यादा वनकर्मी और वन मित्र इस गणना में जुटे रहे। जो 70 वाटर प्वाइंट पर वन्य जीवों की गणना करते रहे। इस बीच गणेश्वर व अजीतगढ़ में रातभर सुनाई दी गई पैंथर की दहाड़ों के बीच अजीतगढ़ के 25 पापड़ा में एक पैंथर शावक एक पहाड़ी पर बैठा दिखा। जिसे कैमरे में कैद करने के साथ वन विभाग के अधिकारियों ने उसके मादा शावक होने की पुष्टि की। इससे पहले गणना की शुरूआत में भी सोमवार को यहां एक पैंथर शावक नील गाय के पीछे भागता नजर आया था। लेकिन, कार्मिक इस दृश्य को कैमरे में कैद करते इससे पहले ही वह भाग गया। इधर, श्रीमाधोपुर इलाके में मोर, नीलगाय, सेही, बिज्जू, जरख, सेही व फतेहपुर में हरिण सहित अन्य जीव नजर आए। इससे पहले बीती शाम को मौसम में नरमी आने के बाद जंगल में वन्य जीवों की चहल-पहल बढ़ गई। देर रात वनकर्मी जंगल में हो रही चहल-पहल पर टकटकी लगाए रहे। हालांकि जिले में दो साल बाद होने वाली गणना की शुरूआत में पैंथर शावक के पगमार्क मिलना और फतेहपुर इलाके में हरिणों के झुंड का मिलना वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी की ओर संकेत कर रहा है। गणना के दौरान नीमकाथाना क्षेत्र में कई स्थानों पर रात को भी पैंथर की दहाड़ सुनाई देती रही। इस बीच वन विभाग के अधिकारियों ने सभी वाटर प्वाइंट का निरीक्षण कर कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए। मंगलवार सुबह आठ बजे तक गणना का काम होगा। इसके बाद कर्मचारी रेंज में पहुंचेगे।

यहां से आ सकती है खुशखबरी
श्रेत्रीय वन अधिकारी देवेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि जिले में वन्य जीवों का अधिकांश मूवमेंट नीमकाथाना इलाके में है। गणना के पहले दिन ही सुबह पैन्थर शावक के पगमार्क मिलने के बाद पुष्टि हो गई कि पैन्थर का पूरा कुनबा भी आसपास के इसी इलाके में विचरण कर रहा है। बालेश्वर के दस हेक्टेयर क्षेत्र, भीतरली गांवडी सहित कई इलाके में पेंथर सहित उसके कुनबे की पुष्टि हो चुकी है। खंडेला के बालवाड इलाके में भेडियों का झुंड और शाकम्बरी रेंज में हरिणों के झुंड दिखाई दे चुका है।

मोर व बंदर ही निकले बाहर, पैंथर के कुनबों पर रही नजर
टोडा क्षेत्र में सोमवार को वन्य जीव गणना शुरू हुुई। गणना सोमवार सुबह आठ बजे से शुरू की गई। जो मंगलवार सुबह आठ बजे तक जारी रही। गांव के समीप बालेश्वर, टपकेश्वर, अधर शिला, लादीकाबास, कालाकोटा, डोकन, भीतरों, रैया का बास सहित अन्य कई वाटर प्वॉईंटों पर गणना शुरू हुई। इसी बीच बंदर, मोर सहित अन्य वन्य जीव वाटर प्वॉईंट पर पानी पीने आए। जिनकी गणना की गई। नीमकाथाना व पाटन वन क्षेत्र में वनकर्मियों की नजर पैंथर के कुनबों पर हैं।

पैंथर को किया कैमरे में कैद
गणेश्वर वन खंड गावड़ी क्षेत्र में इस बार वन्यजीव गणना नया शगुन लेकर आई।वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मेहनत दौड़ धूप ने आखिर कामयाबी हासिल कर ही ली। कुरड़ा बालाजी मंदिर क्षेत्र के पास बनी पानी की खेल पर पानी पीने आया पैंथर को वन विभाग ने कैमरे में कैद किया। इस बार वन विभाग के अधिकारी रेंजर श्रवण बाजिया अधिकारी रविसिंह भाटी हरलाल सिंह वन कर्मियों की टीम के साथ पानी पीते पैंथर को कैमरे में कैद कर ही लिया। सोमवार सुबह तेज धूप के कारण पानी के पॉइंटो पर नीलगाय लंगूर पानी पीने आये। दोपहर 5 बजे बाद रावजी की ढाणी भैरू जी मंदिर के पास बकरी चारहको को पैंथर की दहाड़ सुनाई दी। सोमवार रात को साढ़े 11 बजे कुलड़ा बालाजी मंदिर क्षेत्र के पास बनी पानी की खेल पर ज्यो ही पैंथर पानी पीने आया तो पैंथर कैमरे में कैद हो गया। वन विभाग की टीम का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।पहली बार वन्यजीव गणना में पैंथर को कैमरे में कैद किया गया। रामगढ़ शेखावाटी में वन विभाग की ओर से बुध पूर्णिमा पर रामगढ़ उपखंड के अलग -अलग क्षेत्र में नौ पाइंट बनाकर वन्य जीव की गणना शुरू की गई है। वन विभाग के अनुसार वन्य जीव जनगणना के प्रथम दिन 33 हिरण, नौ नील गाय चिन्हित की गई है। वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से रामगढ़ बीड़ में तीन पाइंट पर, नेठवा में एक, पालास में एक, रामसीसर में दो, ढाढण में एक, खरीटा में एक पाइंट पर वनजीव की गणना आरंभ की गई है। प्रत्येक पाइंट पर दो दो वन विभाग के कर्मचारी तैनात किये गये है।

 

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दो साल बाद हुई गणना
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा हर साल बुध पूर्णिमा को वन्य जीव गणना की जाती है, लेकिन कोरोना वैश्विक माहमारी के कारण दो साल बाद वन्यजीव गणना की गई है।
पांच साल में दोगुना हुए
जिले में वर्ष 2014 में 5008 वन्यजीव होने की पुष्टि की थी। वर्ष 2015 में 5423 व वर्ष 2016 में 5934 वन्यजीव होने की पुष्टि की है। 2017 में 6691 वन्य जीव दिखाई दिए। 2018 में 7131 वन्यजीव दिखाई दिए। गणना रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल से जीवों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2018 में 440 जीवों की संख्या बढ़ी है।
रिजर्व की मांग अधूरी
नीमकाथाना, पाटन, श्रीमाधोपुर क्षेत्र में वनो की मौजूदा स्थिति के कारण कई बार वन्य जीव प्यास से दम तोड़ देते हैं। वहीं आबादी क्षेत्र में घुसने के कारण कई बार ग्रामीण वन्य जीवों को चोटिल भी कर देते हैं। नीमकाथाना रेंज में 18435 हेक्टेयर व पाटन रेंज में 13268 हेक्टेयर क्षेत्र वन भूमि में आता है। ऐसे में कई बार वन्य जीव क्षेत्र के करीब 20 हजार हेक्टेयर में पैंथर रिजर्व बनाने को लेकर निराशा झेलनी पड़ी। नीमकाथाना की बजाए खेतड़ी को पैंथर रिजर्व बना दिया गया । जिससे क्षेत्र के लोगों को निराशा हो रही है।

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