scriptसंचालक गैस कनेक्शन ट्रांसफर करवाने का बना रहे दवाब ,बिना सहमति बदल रहे है  उपभोक्ताओं की एजेंसी | Without consent Gas connection transfer in sikar | Patrika News

संचालक गैस कनेक्शन ट्रांसफर करवाने का बना रहे दवाब ,बिना सहमति बदल रहे है  उपभोक्ताओं की एजेंसी

locationसीकरPublished: Mar 27, 2018 05:59:34 pm

Submitted by:

vishwanath saini

सीकर शहर के करीब तीन हजार रसोई गैस उपभोक्ता रसोई गैस कम्पनी और एजेंसी के बीच तालमेल के अभाव से परेशानी में हैं

 Gas connection transfer

सीकर. यह केवल दो उपभोक्ता ही नहीं है। सीकर शहर के करीब तीन हजार रसोई गैस उपभोक्ता रसोई गैस कम्पनी और एजेंसी के बीच तालमेल के अभाव से परेशानी में हैं। रसोई गैस उपभोक्ताओं को कम्पनी की ओर से गैस कनेक्शन के ट्रांसफर होने के मैसेज भेजे जा रहे हैं लेकिन गैस कंपनियों ने कनेक्शन ट्रांसफर के लिए उपभोक्ताओं की राय तक नहीं ली जा रही है। रसोई गैस एजेंसियों को धरातल पर लाने के लिए संचालक उपभोक्ताओं को फोन पर सम्पर्क पर गैस कनेक्शन ट्रांसफर करवाने का दवाब बना रहे हैं। इधर ऑयल कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि गैस कनेक्शन ट्रांसफर करना एक साधारण बात है। जबकि पिछले वर्ष भी शहर की एक रसोई गैस एजेंसी के गैस कनेक्शन बिना उपभोक्ता की सहमति के ट्रांसफर करने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी।


इन क्षेत्रों के नाम
रसोई गैस कनेक्शन ट्रांसफर करने के लिए बीपीसीएल के रसोई गैस उपभोक्ताओं को मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसके लिए कम्पनी की ओर भेजे जा रहे मैसेज के अनुसार तबेला बाजार, घंटाघर व रामलीला मैदान के उपभोक्ताओं को मैसेज में केवल पटवारी गैस एजेंसी के ही नम्बर दिए जा रहे हैं। नियमानुसार जिस एजेंसी से कनेक्शन ट्रांसफर किए जा रहे हैं उस एजेंसी को भी सूची भेजी जाती है। सूची नहीं होने से एजेंसी भी उपभोक्ताओं की मदद नहीं कर रही है।


बरती चालाकी
कंपनियों की ओर से शहर के तीन हजार से ज्यादा उपभोक्तााओं को कनेक्शन ट्रांसफर की जानकारी के लिए मोबाइल पर मैसेज भेजा गया। लेकिन मैसेज की ड्राफ्टिंग में चालाकी बरती गई।
भेजे जा रहे मैसेज में लिखा गया कि आपका कनेक्शन दूसरी एजेंसी पर ट्रांसफर किया जा रहा है। इस संबंध में 15 दिन में आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। जबकि मैसेज में दिए गए नम्बर ही गलत है।

 


न्यायालय और जिला रसद अधिकारी ने भी लगाई थी रोक
जिला उपभोक्ता जागरण समिति की ओर से जनवरी 2017 में दायर याचिका में हाईकोर्ट की जयपुर बैंच ने आदेश दिया कि उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 के आदेश के अनुसार उपभोक्ता की सहमति बिना गैस कनेक्शन ट्रांसफर नहीं किया जाए। इसके अलावा तत्कालीन जिला रसद अधिकारी ने बीपीसीएल के टेरेटरी मैनेजर व सेल्स आफिसर जयपुर को लिखित में निर्देश दिए कि कम्पनी उपभोक्ता के गैस कनेक्शन को मोबाइल पर भेजे गए मैसेज के आधार पर शिफ्ट नहीं कर सकती है। इसके अलावा गैस कनेक्शन ट्रांसफर के लिए प्रशासनिक सहमति लेना जरूरी है।


केस एक: विक्रम गैस एजेंसी के उपभोक्ता ललित मोहन माथुर के पास कम्पनी की ओर से मैसेज आया। मैसेज में लिखे नम्बर पर अपना गैस कनेक्शन ट्रांसफर नहीं करने की शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया तो पता चला कि वो नम्बर ही गलत है। बाद में मजबूरी में भागकर विक्रम गैस एजेंसी पर जाकर लिखित में शिकायत दर्ज करवाई।


केस दो: पटवारी गैस कम्पनी की ओर से फोन से सम्पर्क किया जा रहा है। कमल नारायण ने बताया कि उसकी ओर से सहमति नहंी होने के बाद भी गैस कनेक्शन को ट्रांसफर करवाने के लिए दवाब बनाया जा रहा है।


लेंगे जानकारी

कनेक्शन ट्रांसफर के दौरान अगर किसी उपभोक्ता को शिकायत है तो वह जयपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकता है। उपभोक्ताओं को दिए जा रहे मैसेज में गलत नम्बर होने की जानकारी ली जाएगी।
-राजविंदर सिंह, टेरिटरी मैनेजर, बीपीसी
कंपनी की ओर से दी गई लिस्ट के अनुसार ही उपभोक्ताओं के फोन पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। कोई परेशानी हो तो उपभोक्ता मुख्यालय में शिकायत दे सकता है।
-आशुतोष अग्रवाल, प्रबंधक, पटवारी गैस सर्विस
गैस कनेक्शन उपभोक्ता अपनी मर्जी से लेता है। ऐसे में ट्रांसफर का अधिकार को भी उपभोक्ता को ही है। गैस कंपनियां अपने स्तर पर दूसरी एजेंसी को कनेक्शन कैसे ट्रांसफर कर सकती है।
-वसीम खान, प्रबंधक विक्रम गैस एजेंसी

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