भगवान शिव के दर्शन के लिए गांव की रैगर समाज की महिलाओं को काफी दूर जाना पड़ता था। ऐसे में गांव की महिलाओं ने भगवन शिव के शिवालय गांव में ही बनवा दिया। मंदिर में शिवमूर्ति की स्थापना शनिवार को होगी। जानकारी के अनुसार कामकाजी महिलाओं को काम में देरी होने के साथ ही मजदूरी करने वाली महिलाओं को भी देरी हो जाती थी। ऐसे में महिलाओं ने गांव में ही भगवान शिव के मंदिर का निर्माण करने की ठानी। हालांकि मंदिर निर्माण की डगर आसान नहीं थी, क्योंकि इन महिलाओं के पास इतने पैसे नहीं थे। बाद में महिलओं ने बैठक में निर्णय लिया कि 500 घरों की आबादी वाले मौहल्ले के सभी घरों से चंदा एकत्रित कर रुपए जुटाए जाए तो काम मुश्किल नहीं है। मोहल्ले में अधिकांश घर ऐसे थे जिनका परिवार तो मेहनत मजदूरी से चलता है। ऐसे में इन घरों में चंदे की राशि देना आसान काम नहीं था, लेकिन बाद में महिलाओं ने निर्णय किया कि वो खुद मजदूरी करके लाएंगी और इन्हीं रूपयों में से मंदिर के लिए भी रूपये जुटाएगी। महिलाओं की कोशिश ने रंग दिखाया। एक साल के भीतर महिलाओं ने अपनी मजदूरी से मंदिर के लिए 11 लाख रुपए जुटा लिए। महिलाओं ने मौहल्ले के सार्वजनिक चौक में पुराने जर्जर कुएं के स्थान पर भगवान शिव एवं बालाजी महाराज का मंदिर बनावा दिया।
अन्नपूर्णा माता मंदिर से मिली प्ररेणा
गांव की कुछ महिलाओं ने करीब पांच साल पहले गांव के सार्वजनिक चौक में करीब पांच लाख रूपयों की लागत से अन्नपूर्णा देवी का मंदिर बनवाया था। इन्हीं महिलाओं से प्ररेणा लेकर रैगर समाज की महिलाओं ने भी शिवालय बनाने की ठान ली। मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब शनिवार को मंदिर में शिव परिवार व बालाजी महाराज की मूर्ति स्थापना होगी। इससे पहले शुक्रवार को मूर्तियों को नगर भ्रमण करवाया जायेगा एवं कलश यात्रा निकाली जायेगी। शनिवार को मूर्ति स्थापना के बाद भंडारा होगा।