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…तो इसलिए युवाओं के दिमाग में आता है Suicide का ख्याल

locationसीकरPublished: May 24, 2018 12:11:58 pm

Submitted by:

vishwanath saini

लेकिन, वर्तमान में यह अवस्था तनाव के रूप सिझोफ्रेनिया को जन्म दे रही है।

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World Schizophrenia Day 2018 : …तो इसलिए युवाओं के दिमाग में आता है sucide का ख्याल

 


सीकर. युवावस्था को जीवन का सबसे बेहतर समय माना जाता है। यह वहीं समय होता है। जब व्यक्ति अपने भविष्य के निर्माण के लिए प्रयास करता है। लेकिन, वर्तमान में यह अवस्था तनाव के रूप सिझोफ्रेनिया को जन्म दे रही है। आबादी में से एक फीसदी लोग सिझोफ्रेनिया से ग्रसित है। प्रतिस्पर्धा और कई प्रकार के मानसिक दबाव के कारण सबसे ज्यादा 30 वर्ष तक की उम्र के मरीज इस समस्या से ज्यादा ग्रस्त है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रम बगडिया ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से 30 प्रतिशत मरीज मानसिक तनाव से ग्रस्त है। इसमें लगभग 25 प्रतिशत मरीज 30 वर्ष तक है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि मानसिक तनाव ही है। जिसके कारण जिले में आत्म हत्याओं का आंकड़ा बढ़ रहा है।

 

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सुनाई देती है आवाज
सिझोफ्रेनिया में मरीज को बेतुका और झूठा वहम होता है। गलतफहमी इतनी दृढ होती है कि इसे दूर करना नामुमकिन होता है। इसके अलावा मरीज को तरह-तरह की आवाजे सुनाई देती हे। कुछ मरीजों तो बातचीत के दौरान भी किसी की समझ में नहीं आने वाले वाक्यों का प्रयोग करते हैं। 5 साल पहले तक सिझोफ्रेनिया महज कुछ गिने चुने लोगों में होता था,लेकिन, अब यह समस्या तेजी से सामने आ रही है।

-बिना किसी वजह अपने आप हंसना

-तेज हिंसक व्यवहार

-घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहना

-स्वच्छता पर ध्यान न देना

-खुद के बारे में कोई बात कर रहा है ऐसी आवाजें सुनना

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