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विश्व योग दिवस : आप समझते होगे खराब कम्पयूटर, प्रिंटर, माउस और की-बोर्ड को बेकार कचरा…! यहां तो ये हैं योग गुरु

locationसीकरPublished: Jun 21, 2021 06:56:12 pm

World Yoga Day Special: e-waist…Here it is the yoga guru!
जिसको पूरी दुनिया ई-वेस्ट यानी इलेक्ट्राॉनिक्स कचरा समझती है वह आज योग गुरु की शक्ल में पेश है। विश्वास नहीं होता ना! लेकिन इन कलाकृतियों को देख सौ फीसदी विश्वास हो जाएगा। जयपुर, भोपाल और दिल्ली के चौराहों पर लगी योगाभ्यास सिखाती विभिन्न योग मुद्राओं की ये कलाकृतियां आज योग और उसके महत्व को समझा रही हैं। ये सब कुछ साकार किया है सीकर के एक छोटे से गांव के रहने वाले आर्टिस्ट ने और वो भी ई-वेस्ट की मदद से।

विश्व योग दिवस : आप समझते होगे खराब कम्पयूटर, प्रिंटर, माउस और की-बोर्ड को बेकार कचरा...! यहां तो ये हैं योग गुरु

विश्व योग दिवस : आप समझते होगे खराब कम्पयूटर, प्रिंटर, माउस और की-बोर्ड को बेकार कचरा…! यहां तो ये हैं योग गुरु

World Yoga Day Special: e-waist…Here it is the yoga guru!
-नवाचार: ई-वेस्ट से बनाई योग की कलाकृतियां
– स्वस्थ रहने का संदेश दे रही है रायपुर-जागीर के मुकेश की बनाई कलाकृतियां
-दिल्ली-जयपुर सहित शहरों में लगी है कम्प्यूटर के ई-वेस्ट से बनी प्रतिमाएं
सीकर. शेखावाटी (shekhawti)के छोटे से गांव के रहने वाले आट्र्स ग्रेज्यूएट मुकेश ज्वाला के बनाए गए योग मुद््राओं के स्कल्पचरों ने आज दुनियाभर को अचम्भित कर दिया है। देश-दुनिया में ई-वेस्ट(e-waist) को समस्या मानते हुए ई-क्लीनिक खोलने को मजबूर कर दिया है, लेकिन मुकेश ने इसे विभिन्न योग मुद्राओं की कलाकृतियों मे ढाल एक नई सोच पेश की है।

सीकर(sikar) के मूंडरू इलाके के रायपुर जागीर निवासी मुकेश आज कम्प्यूटर के ई-वेस्ट का उपयोग कर विभिन्न योग मुद्राओं की प्रतिमाएं बनाकर योग का महत्व दुनिया भर को बता रहे हैं। मुकेश के द्वारा बनाई गई ये प्रतिमाएं देशभर में लोगों को स्वस्थ तन का संदेश दे रही हैं। राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट से ग्रेजुएट मुकेश ज्वाला ने स्वस्थ जीवन में योग का महत्व दर्शाने के लिए अपनी कला का सहारा लिया और योग की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाते हुए कलाकृतियों का निर्माण शुरू किया । पुराने पुराने कम्प्यूटर्स के बेकार हो चुके विभिन्न पाट्र्स का इस्तेमाल करते हुए मुकेश ज्वाला ने ई-वेस्ट स्कल्प्चर बनाएं हैं। ये कलाकृतियां योगा और ध्यान मुद्रा में बनाईं गई है, जो योग से हमें स्वस्थ रहने तथा पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती है। उनकी बनाई गई प्रतिमाएं देशभर के कई बड़े शहरों में लगी है। मुकेश ने स्टेट बैंक के जयपुर मुख्यालय से पुराने कम्प्यूटर्स का कचरा लेकर जयपुर में ई-वेस्ट से 15 फीट ऊंचाई की बड़ी कलाकृति बनाईं है, जो काफी चर्चा में है।

देश की राजधानी सहित बड़े शहरों में लगी है प्रतिमाएं
मुकेश ज्वाला की ई-वेस्ट से बनाई गई दो विशाल कलाकृतियां दिल्ली में संसद मार्ग पर प्रदर्शित की गई है। उन्होंने भोपाल में भारतीय स्टेट बैंक के लिए इलेक्ट्रॉनिक कचरे से एक आकर्षक प्रतिमा तेजस्विनी का निर्माण किया है। प्रतिमाओं के जरिये जहां उन्होंने बढते इलेक्ट्रॉनिक कचरे का कलात्मक प्रबंधन के साथ योग के प्रति ध्यान आकर्षित किया गया है। मुकेश बताते हैं कि एसबीआई बैंक की पुनर्जीवा सीरिज के तहत ये कलाकृतियां बनाई गई है। मध्यप्रदेश और जयपुर में भी उनकी ई-वेस्ट की विशाल कलाकृतियां स्थापित की गई हैं। ये सभी कलाकृतियों में योग मुद्राओं को सुंदर तरीक से प्रदर्शित किया गया है।

कम्प्यूटर के खराब पाट्र्स का करते हंै उपयोग
कम्प्यूटर का वह सम्पूर्ण सामान जो कि दुनिया में ई-कचरे को जन्म देता है और जिसका निस्तारण एक विकट समस्या है। इसी को ध्यान में रखते हुए ज्वाला ने ई-वेस्ट कलाकृतियां बनाई है। उन्होंने बताया कि इन कलाकृतियों में पुराने कम्प्यूटरों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। कम्प्यूटर के विभिन्न पाट्र्स को इस प्रकार का आकर्षण सांचे में डालना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। इन कलाकृतियों का ढांचा बनाने में लोहे का इस्तेमाल किया गया है और उस ढांचे पर बिना किसी मैटेरियल के मदरबोर्ड, की-बोर्ड, माउस, रैम, एसएमपीएस, केबल जैसे हिस्सों का प्रयोग किया गया है।

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