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पहले सरहदों की चौकसी…और अब सरकारी पहरेदारी

locationसीकरPublished: Mar 12, 2021 06:59:19 pm

Submitted by:

Narendra

राज्य के पूर्व सैनिक निगम का दसवां स्थापना दिवस

पहले सरहदों की चौकसी...और अब सरकारी पहरेदारी

पहले सरहदों की चौकसी…और अब सरकारी पहरेदारी

सीकर. सेना की तर्ज पर सक्रिय रहकर कार्य करने वाला राजकीय विभाग राजस्थान पूर्व सैनिक निगम का शुक्रवार को दसवां स्थापना दिवस है। प्रदेश व देश में रेक्सको के नाम से पहचान रखने वाले राज्य के पूर्व सैनिक निगम को आज ही के दिन 12 मार्च 2012 को गठित करने की सीएम अशोक गहलोत सरकार ने हरी झंडी दिखाई थी। नौ वर्ष पूर्व लगाया यह पौधा आज बड़ा होकर मावंडा के निकट झुन्झुनंू सीमा पर स्थापित जीएसएस से लेकर राज्य के 33 जिलों के राजकीय विभागों के अलावा दिल्ली में केन्द्र सरकार के महकमों में सेवा दे रहा है। मावण्डा के समीप बने जीएसएस में ही नहीं अन्य जगह ड्यूटी शुरू करने से पहले भारत माता के जयकारे व सदैव अग्रसर बोला जाता है।
भारतीय सेना को मजबूत रखने के लिए करीब 40 वर्ष की उम्र में अधिकतम सैनिकों को सेवानिवृत होना पड़ता है, लिहाजा राज्य के पूर्व सैनिकों को राज्य व केन्द्र सरकार के विभागों में नियोजित करने का कार्य रेक्सको करता है। वर्तमान में 15000 पूर्व सैनिक सेना कि तर्ज पर सक्रिय रहकर राजकीय विभागों में लिपिक, वाहन चालक, सुरक्षा अधिकारी, फायरमैन आदि पदों पर कार्यरत हैं। सेना कि तर्ज पर रेक्सको का लक्ष्य है सदैव अग्रसर। रेक्सको के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर राजकुमार बलवदा का मानना है कि सकारामत्मक सोच, कड़ी मेहनत व टीम वर्क से हर कार्य संभव है, लिहाजा रेक्सको सदैव अग्रसर की भूमिका अदा कर राजकीय विभागों में कार्य कर रहा है। रेक्सको के समन्वयक मोहर सिंह कहते है सैनिकों को कड़ी मेहनत की आदत होती है, जो राज्य हित में काम आ रही है।
कम वेतन में उत्साह से ड्यूटी करते हैं पूर्व सैनिक

भारत के समस्त राज्यों में सबसे कम वेतन राजस्थान के पूर्व सैनिकों को दिया जाता है वह भी अधिकतम विभाग देरी से देते हैं, फि र भी पूर्व सैनिकों को राजकीय विभागों में उत्साह से ड्यूटी करते देखे जा सकता है। मावण्डा स्थित बंधा की ढाणी के समीप स्थापित जीएसएस में कार्यरत पूर्व सैनिकों ने बताया रक्षा मंत्रालय भारत के समस्त राज्यों में पूर्व सैनिकों का एक जैसा वेतन करने का कानून बनाया जाए।
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