सत्यवीर के तालाब में डूबने की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने अपने स्तर पर सत्यवीर को पानी में तलाशने की कोशिश की। लेकिन, तालाब में कीचड़ ज्यादा होने से तलाशी अभियान में परेशानी आती रही। इसी बीच सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने गणेश्वर से गोताखोरों को बुलाया। जिन्होंने करीब दस मिनट में शव को ढूंढ निकाला। शव को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
जानकारी के अनुसार सत्यवीर मूल रूप से अलवर जिले के ताजियावास गांव का रहने वाला है। जो मूक है और बचपन से ही अपने ननिहाल लाका की नांगल में रह रहा था। यहां वह बकरी चराने का काम करता था। गुरुवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे वह बकरी चराता हुआ तालाब के पास पहुंचा। जहां कपड़े बाहर उतारकर वह नहाने के लिए पानी में उतर गया। लेकिन, वापस नहीं लौटा।
सत्यवीर का मूक होना भी उसे मौत के मुंह तक ले गया। मूक होने की वजह से तालाब में डूबते समय भी वह किसी को आवाज नहीं लगा पाया। जब अन्य चरवाहों ने तालाब में हलचल देखी तभी उसकी जानकारी ग्रामीणों को लगी।