scriptVIDEO: तालाब में डूबा युवक, मूक होने पर मदद के लिए भी नहीं लगा सका पुकार | Youth dies due to drowning in pond | Patrika News

VIDEO: तालाब में डूबा युवक, मूक होने पर मदद के लिए भी नहीं लगा सका पुकार

locationसीकरPublished: Sep 16, 2021 04:24:11 pm

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना कस्बे के मावण्डा के नजदीकी गांव लाका की नांगल में गुरुवार को एक मूक युवक तालाब में डूब गया।

VIDEO: तालाब में डूबा युवक, मूक होने पर मदद के लिए भी नहीं लगा सका पुकार

VIDEO: तालाब में डूबा युवक, मूक होने पर मदद के लिए भी नहीं लगा सका पुकार

सीकर/पाटन/मावण्डा. राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना कस्बे के मावण्डा के नजदीकी गांव लाका की नांगल में गुरुवार को एक मूक युवक तालाब में डूब गया। 22 वर्षीय सत्यवीर मीणा बकरी चराते समय तालाब में नहाने गया था। इसी दौरान वह दलदल में फंसकर पानी में समा गया। मूक होने की वजह से वह मदद के लिए भी नहीं पुकार सका। अन्य चरवाहों ने जब उसे डूबते देखा तो जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। जिसे सुन नजदीकी ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे ढूंढने की कवायद शुरू हुई। सूचना पर उपखण्ड अधिकारी बृजेश गुप्ता व तहसीलदार सत्यवीर यादव सहित पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा। युवक की तलाश के लिए गणेश्वर से गोताखोरों को बुलाया गया। जिन्होंने करीब साढ़े चार घंटे बाद शव को बाहर निकाला।

कीचड़ ने रोका ग्रामीणों का रास्ता
सत्यवीर के तालाब में डूबने की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने अपने स्तर पर सत्यवीर को पानी में तलाशने की कोशिश की। लेकिन, तालाब में कीचड़ ज्यादा होने से तलाशी अभियान में परेशानी आती रही। इसी बीच सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने गणेश्वर से गोताखोरों को बुलाया। जिन्होंने करीब दस मिनट में शव को ढूंढ निकाला। शव को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
नानी के पास रहता था सत्यवीर, कपड़े उतारकर पानी में उतरा
जानकारी के अनुसार सत्यवीर मूल रूप से अलवर जिले के ताजियावास गांव का रहने वाला है। जो मूक है और बचपन से ही अपने ननिहाल लाका की नांगल में रह रहा था। यहां वह बकरी चराने का काम करता था। गुरुवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे वह बकरी चराता हुआ तालाब के पास पहुंचा। जहां कपड़े बाहर उतारकर वह नहाने के लिए पानी में उतर गया। लेकिन, वापस नहीं लौटा।
मूक होने की वजह से नहीं मांग सका मदद
सत्यवीर का मूक होना भी उसे मौत के मुंह तक ले गया। मूक होने की वजह से तालाब में डूबते समय भी वह किसी को आवाज नहीं लगा पाया। जब अन्य चरवाहों ने तालाब में हलचल देखी तभी उसकी जानकारी ग्रामीणों को लगी।
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