खनिज विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आदित्य मल्टी कॉम नाम की कंपनी ने हाईकोर्ट की शरण ली है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी को रेत की अधिक कीमत 52.80 करोड़ रुपए लगाने के बावजूद केवल इसलिए खनन की जिम्मेदारी नहीं मिल सकी। क्योंकि निर्धारित प्रक्रिया के तहत कंपनी ने एक हजार के बजाए 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र दिया है।
फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि इस मामले के निराकरण के बाद बाकी रह गई प्रक्रिया को पूरी करने और आदेश जारी होने के बाद संबंधित एजेंसी खदानों में खनन के लिए मोर्चा संभालेगी। माना जा रहा है कि बाकी रह गई प्रक्रिया को पूरा करने में अधिकतम 15 से 20 दिनों का वक्त लगेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि एकल व्यवस्था के तहत खनन का कार्य नए वर्ष में जनवरी से शुरू हो जाएगा।
निर्धारित कीमत से 11 करोड़ से अधिक लगी बोली
खनिज विभाग की ओर से जिले की 58 रेत खदानों की कीमत 25 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। निविदा प्रक्रिया में निर्धारित कीमत की तुलना में लगाई गई बोली की कीमत 11.33 करोड़ रुपए अधिक है। आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शंस लिमिटेड ने रेत खदानों के लिए 363330000 रुपए देने का प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि यह कीमत खदानों की अनुमानित क्षमता 20 लाख घन मीटर के लिए लगाई गई है।
खनिज विभाग की ओर से जिले की 58 रेत खदानों की कीमत 25 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। निविदा प्रक्रिया में निर्धारित कीमत की तुलना में लगाई गई बोली की कीमत 11.33 करोड़ रुपए अधिक है। आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शंस लिमिटेड ने रेत खदानों के लिए 363330000 रुपए देने का प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि यह कीमत खदानों की अनुमानित क्षमता 20 लाख घन मीटर के लिए लगाई गई है।
तीन वर्षों के लिए मिला खदानों से खनन का ठेका
जिला खनिज अधिकारी एके राय के मुताबिक एजेंसी को खदानों को खनन का ठेका तीन वर्षों के लिए दिया गया है। वर्तमान में प्राप्त वित्तीय प्रस्ताव यानी लगाई गईबोली पर एक वर्ष तक खनन किया जा सकेगा। एक वर्ष के बाद प्रस्ताव की राशि में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। दो वर्ष बाद तीसरे वर्ष के लिए फिर से 10 फीसदी राशि बढ़ाई जाएगी।
जिला खनिज अधिकारी एके राय के मुताबिक एजेंसी को खदानों को खनन का ठेका तीन वर्षों के लिए दिया गया है। वर्तमान में प्राप्त वित्तीय प्रस्ताव यानी लगाई गईबोली पर एक वर्ष तक खनन किया जा सकेगा। एक वर्ष के बाद प्रस्ताव की राशि में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। दो वर्ष बाद तीसरे वर्ष के लिए फिर से 10 फीसदी राशि बढ़ाई जाएगी।
पंचायतों को खनन का अधिकार केवल चंद दिन
खदानों के आवंटन का कार्य पूरा होने के बाद अब पंचायतों के पास खनन का अधिकार केवल चंद दिनों के लिए और रहेगा। आवंटन का आदेश जारी होने के 15 दिवस के भीतर एजेंसी को निर्धारित रकम जमा करना होगा। राशि जमा करने के बाद ही एजेंसी को खनन का अधिकार मिल जाएगा। यानी जैसे ही एजेंसी को खनन का अधिकार मिला। पंचायतों को उनका बोरिया बिस्तर समेट लेना होगा।
खदानों के आवंटन का कार्य पूरा होने के बाद अब पंचायतों के पास खनन का अधिकार केवल चंद दिनों के लिए और रहेगा। आवंटन का आदेश जारी होने के 15 दिवस के भीतर एजेंसी को निर्धारित रकम जमा करना होगा। राशि जमा करने के बाद ही एजेंसी को खनन का अधिकार मिल जाएगा। यानी जैसे ही एजेंसी को खनन का अधिकार मिला। पंचायतों को उनका बोरिया बिस्तर समेट लेना होगा।
फैक्ट फाइल
– तीनों तहसील में कुल 58 खदानों की संख्या।
– सभी खदानों की क्षमता 20 लाख घन मीटर।
– खदानों में रेत की कुल कीमत 25 करोड़ रुपए।
– 25 फीसदी यानी 6.25 करोड़ रुपए जमा हैं।
– खनन के लिए लगी 36.33 करोड़ रुपए की बोली।
– सुरक्षा राशि के रूप में 9.08 करोड़ रुपए देना होगा।
– अतिरिक्त सुरक्षा राशि के रूप में 2.83 करोड़ रुपए जमा।
– तीनों तहसील में कुल 58 खदानों की संख्या।
– सभी खदानों की क्षमता 20 लाख घन मीटर।
– खदानों में रेत की कुल कीमत 25 करोड़ रुपए।
– 25 फीसदी यानी 6.25 करोड़ रुपए जमा हैं।
– खनन के लिए लगी 36.33 करोड़ रुपए की बोली।
– सुरक्षा राशि के रूप में 9.08 करोड़ रुपए देना होगा।
– अतिरिक्त सुरक्षा राशि के रूप में 2.83 करोड़ रुपए जमा।
तहसीलवार रेत खदानों की संख्या
30 खदान सिंगरौली में
16 खदान माड़ा में
07 खदान देवसर में
03 खदान सरई में
02 खदान चितरंगी में
30 खदान सिंगरौली में
16 खदान माड़ा में
07 खदान देवसर में
03 खदान सरई में
02 खदान चितरंगी में