scriptखुले में 75 हजार क्विंटल धान, खरीद के बाद नहीं हुआ सुरक्षित भंडारण, खुले में पड़ा करोड़ों का धान | 75 thousand quintals of paddy in open, no safe storage after purchase | Patrika News

खुले में 75 हजार क्विंटल धान, खरीद के बाद नहीं हुआ सुरक्षित भंडारण, खुले में पड़ा करोड़ों का धान

locationसिंगरौलीPublished: Feb 24, 2020 01:31:02 am

Submitted by:

Anil singh kushwah

गोदामों में जगह की कमी से बने दयनीय हालात

paddy News

लापरवाही की हद: खुले आसमान के नीचे रखा 14 लाख मीट्रिक टन धान कर रहा मानसून का इंतजार

सिंगरौली. धान की समर्थन मूल्य पर खरीद बंद हुए एक माह से अधिक बीत गया मगर खरीद की गई धान के समुचित संरक्षण का इंतजाम करने में खरीद एजेंसी को अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। इस कारण धान के खराब होने का अंदेशा बना हुआ है। हालत यह है कि करीब 75 हजार क्विंटल धान खरीद केंद्रों के परिसर में अब तक खुले में ही पड़ा है। शासकीय निर्णय के तहत इस बार सीजन मंें जिले में सात लाख 59 हजार क्विंटल से अधिक धान की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई। इसके तहत 29 केंद्रों पर बीते माह 20 जनवरी को खरीद बंद हो गई। इसके बाद खरीद शुदा सारे धान को बोरों में पैक करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई मगर इसके बाद अगले चरण में व्यवधान आ गया। जिले में शासकीय स्तर पर की गई धान भंडारण की व्यवस्था कम पड़ गई और इसके चलते काफी मात्रा में खरीदे गए धान का गोदाम में अब तक सुरक्षित भंडारण नहीं किया जा सका है।
भंडारण के लिए नहीं मिल रही जगह
सामने आया कि सभी केंद्रों पर खरीदे गए धान को बोरी में पैक तो कर दिया गया मगर उसका वहां से उठाव नहीं हो पाया है। इसका कारण दो शासकीय व किराए पर लिए गए 10 निजी गोदामों में धान भंडारण के लिए जगह की कमी पड़ जाना सामने आया। इसके चलते जिले में खरीदे गए कुल धान में से खरीद बंद होने के एक माह से अधिक बीतने के बाद भी 75,615 क्विंटल धान आज तक केंद्रों पर ही खुले में पड़ा है। समस्या यह है कि गोदामों मंें जगह नहीं होने के कारण इस धान का केंद्र से उठाव होने की स्थिति ही नहीं है। प्रशासन व खरीद एजेंसियों के पास खुले में पड़े इस धान के सुरक्षित भंडारण के लिए गोदाम ही नहीं है। अधिकारी सूत्रों की ओर से बताया गया कि भंडारण के लिए जगह की कमी के कारण इतनी मात्रा में धान को खरीद केंद्र परिसर में ही प्लास्टिक से कवर कर उसके अस्थाई संरक्षण की व्यवस्था का मुख्यालय से निर्देश कुछ दिन पहले यहां जिला मुख्यालय पर अधिकारियों को मिला। बताया गया है कि इसकी पालना में खुले में पड़े धान को प्लास्टिक के अस्थाई शेड से ढकने व वहीं इसकी सुरक्षा के लिए दवा आदि रखे जाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
उपलब्ध हैं केवल दो बड़े गोदाम
उल्लेखनीय है कि जिले में रबी व खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले अनाज के भंडारण के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है। जिले में अनाज भंडारण के लिए शासकीय स्तर पर केवल दो ही गोदाम उपलब्ध हैं मगर उनकी भंडारण क्षमता मात्र आठ हजार क्विंटल की है जो यहां एक सीजन में खरीद होने वाले अनाज की कुल मात्रा के मुकाबले ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इस कारण हर सीजन में प्रशासन के स्तर पर निजी गोदामों को किराए पर लिया जाता है।
प्रक्रिया में अस्थाई शेड की व्यवस्था
सहकारिता व आपूर्ति निगम के अधिकारी ने बताया कि लगभग १२ जगह खुले में पड़े धान के अस्थाई शेड की कार्रवाई जारी है। कहा गया कि अब तक आठ-नौ जगह प्लास्टिक के अस्थाई शेड की व्यवस्था कर ली गई है। शेष जगह के लिए तेजी से प्रक्रिया पूरी की जा रही है। फिलहाल इन सबके बीच शनिवार को हुई बारिश में करोड़ों रुपए की धान भीग गई है। धान को जल्द ही सुरक्षित नहीं किया गया तो वह खराब हो जाएगा। क्योंकि बारिश की संभावना अभी बरकरार है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो