सीनियर छात्र दौड़ता हुआ शिक्षिका के पास गया और बताया कि टॉयलेट में अंदर से आवाज आ रही है। घबराई शिक्षिका सीनियर छात्र के साथ टायॅलेट में गई और दरवाजा खोलकर देखा तो अंदर पहली कक्षा का छात्र कपूर शर्मा बंद था। उसे बाहर निकाला। वह काफी देर तक रोता रहा। स्कूल की शिक्षका ने उसे शांत कराया और फिर घर भेजा। स्कूल में बच्चों के बीच एवं आस – पास रहने वालों लोगों के बीच यह बात तेजी से फैल गई।
इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद बच्चे के अभिभावकों को इसकी जानकारी नहीं दी। बच्चे के पिता सुशील शर्मा ने बताया कि वे दिन में काम पर चले जाते हैं। रात में देरी से आते हैं इसलिए उन्हें रात में यह बात पता नहीं चली। लेकिन सुबह बेटी बताने लगी। जब बच्चे से पूछे तो उसने भी बताया कि वह टॉयलेट में अंदर बंद था। बच्चा उन बच्चों का नाम भी बता रहा है जिन्होंने टॉयलेट का दरवाजा बाहर से बंद किया। उन्होंने बताया कि यह स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही है। शिक्षकों के भरोसे बच्चों को स्कूल भेज देते हैं लेकिन वे ध्यान नहीं देते।
विभाग में खलबली
इस घटना को लेकर विभाग में खलबली मची हुई है। हालांकि जिम्मेदार मामले को दबाने के प्रयास में जुटे रहे। गड़हरा प्राचार्य को जब इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने तेलाई स्कूल के प्रधानाध्यापक से इस संबंध में जानकारी ली। नौगढ़ हायर सेकण्डरी स्कूल में भी इस घटना को लेकर काफी चर्चा रही।
टॉयलेट में बंद किया
छात्र कपूर शर्मा ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहा है, इतना जरूर बता रहा है कि वह टॉयलेट में बंद था। दो साथी बच्चों का नाम भी बता रहा है जो टॉयलेट का दरवाजा बाहर से बंद किए हैं। यह नहीं बता पा रहा है कि कितने घंटे बंद था। वह पहली कक्षा का छात्र है काफी छोटा है। उसी स्कूल में पढ़ने वाली बहन बता रही है कि दो बजे से बंद था। 4.30 बजे के बाद जब स्कूल की छुट्टी हुई तक स्कूल की मैडम ने टॉयलेट का दरवाजा खोलकर बाहर निकाला ।
स्कूल के बच्चों की शरारत
छात्र कपूर शर्मा की बात माने तो यह स्कूल के ही बच्चों की शरारत है। जब वह टॉयलेट के अंदर था उसी दौरान कुछ बच्चों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्राथमिक शाला की स्कूल है। बच्चे उम्र में काफी छोटे हैं। ऐसे में बच्चे तो कभी भी शरारत कर सकते हैं। लापरवाही तो शिक्षकों की ही मानी जाएगी।
घटना के बाद भी नहीं चेते
इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन की आंख नहीं खुली। रविवार को जब पत्रिका रिपोर्टर स्कूल पहुंचा तो स्कूल के दो कमरों के दरवाजे खुले मिले। दरवाजा खुला ही छोड़कर शिक्षक चले गए थे। स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही बच्चों पर भारी पड़ सकती है।
”प्रधानाध्यापक आरएस परिहार शनिवार दोपहर करीब दो बजे स्कूल से चले गए। स्कूल मेंं मै (साधना शर्मा) एवं आश्मा शर्मा दोनों थे। शनिवार का दिन था इसलिए 2 बजे के बाद मै क्लास रूम में बालसभा कराने में व्यस्त हो गई। कार्यक्रम होने के बाद स्कूल की छुट्टी हुई। सीनियर स्टूडेट्स को स्कूल के सभी कमरों में ताला लगाने को कहा गया। जब वह टॉयलेट में ताला लगाने गया तो देखा की बाहर से दरवाजा बंद है और अंदर बच्चे के रोने की आवाज आ रही है। इसके बाद वह हमारे पास दौड़े – दोड़े आया और बताया कि टॉयलेट में अंदर कोई बंद है। मै वहां गई और टॉयलेट का दरवाजा खोली तो पहली कक्षा का बच्चा कपूर शर्मा अंदर था, उसे बाहर निकाली”।
(स्कूल की शिक्षिका साधना शर्मा ने जैसा बताया)
”शासकीय प्राथमिक पाठशाला तेलाई में पहली कक्षा में बेटा कपूर शर्मा पढ़ाई करता है। उसी स्कूल में उसकी बहन भी पढ़ती है। कपूर बहुत छोटा है इसलिए वह इतना बता पा रहा है कि वह टॉयलेट में बंद था, बच्ची बता रही है कि कपूर दो बजे से लेकर 4.30 बजे तक स्कूल के टॉयलेट में बंद था। स्कूल के छुट्टी के समय टॉयलेट का दरवाजा खोलकर बाहर निकाला गया। इस संबंध में अभी किसी अधिकारी से शिकायत नहीं किए है”।
सुनील शर्मा, बच्चे के पिता
”हॉ, इस तहर की बता सामने आ रही है। लेकिन अभिभावक या फिर बच्चे से अभी शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो घटना की जांच होगी। जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कार्रवार्ई होगी”।
रोहिणी पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी