scriptजांच के नाम पर लीपापोती! अफसरों की मेहरबानी से राहत में आरोपी | accused employee saved in Officers investigation in Singrauli | Patrika News

जांच के नाम पर लीपापोती! अफसरों की मेहरबानी से राहत में आरोपी

locationसिंगरौलीPublished: Oct 16, 2020 09:48:00 am

Submitted by:

Ajeet shukla

चार उदाहरण बयां कर रहे आरोपियों पर दरियादिली …..

Complainants are getting date, Singrauli revenue officers are busy in events

Complainants are getting date, Singrauli revenue officers are busy in events

सिंगरौली. मनमानी तरीके से नियम-कायदों को धता बताने वालों के हौसले बुलंद हैं। वजह उंगली जरूरत उठी, लेकिन साहबानों की मेहबानी के चलते कार्रवाई की जद में आने से बच गए। मेहरबान साहबानों ने जांच के नाम पर राहत देने का रास्ता निकाल लिया और आरोपियों को राहत मिल गई। बात हाल ही में चर्चा में आई जांचों की कर रहे हैं। जिसमें लीपापोती साफ नजर आती है।
यह हैं चार उदाहरण

केस:-01
खाद की अधिक कीमत लेने की थी शिकायत
खाद वितरण के दौरान किसानों से यूरिया व डीएपी की 10 रुपए से लेकर 30 रुपए तक अधिक कीमत ली गई। करीब आधा दर्जन समिति कर्मियों पर आरोप लगा। जांच शुरू की गई, लेकिन एक को छोड़कर बाकी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है। साहबानों ने जांच में कर्मियों को पाकसाफ बता दिया गया।
वर्जन –
झारा समिति सेवक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जांच में बाकी के खिलाफ ऐसा कोई मामला साबित नहीं हुआ, जिससे कार्रवाई की जाए।
पीके मिश्रा, उपायुक्त सहकारिता।
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केस:-02
किसानों को दिया गया अधिक खाद
करीब एक दर्जन किसानों को नियम विरूद्ध तरीके से कई गुना खाद दे दी गई थी। शिकायत पर जांच शुरू हुई, लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया। इस मामले में भी आधा दर्जन समितियों पर जांच शुरू की गई थी, गोपनीयता के नाम पर समितियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया था।
वर्जन –
जांच के बाद रिपोर्ट सहकारिता विभाग को दे दिया गया था। इस मामले में क्या हुआ, इस पर चर्चा करना अभी बाकी है।
आशीष पाण्डेय, उप संचालक कृषि।
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केस:-03
भंडारित चावल का मामला
गरीबों में वितरण के लिए दोयम दर्जे का चावल गोदामों तक पहुंचाया गया। राशन की दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों में वितरित भी किया गया। शिकायत के बाद एफसीआइ की टीम ने जांच कर चावल को खराब बताया, लेकिन न ही मिलरों पर कोई कार्रवाई हुई और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी पर।
वर्जन –
मिलरों से खराब धान मिलने का हवाला दिया है। दलील है कि जब धान ही खराब था तो चावल बढिय़ा कहां से आएगा। फिलहाल सभी मिलरों से चावल की ग्रेडिंग कराई जा रही है। इसका उन्हें कोई चार्ज नहीं दिया जा रहा है।
आरपी पाण्डेय, सुपरवाइजर नागरिक आपूर्ति।
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केस:-04
फ्लाइऐश डैम फूटने का मामला
नियम-कायदों को नजरअंदाज कर रिलायंस सासन पॉवर के डैम में फ्लाइऐश डाला गया। जिससे 10 अप्रैल को फ्लाइऐश डैम फूट गया। छह की मौत हुई और करोड़ों का नुकसान हुआ। एफआइआर दर्ज हुई और मजिस्ट्रियल जांच भी बैठी, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
वर्जन –
मामले की जांच चल रही है। न्यायालय में चालान पेश किया जाना है। लॉकडाउन व कोरोना के चलते कुछ देर हुई, लेकिन अब जांच फाइनल पोजिशन में है।
वीरेंद्र कुमार सिंह, एसपी सिंगरौली।
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