scriptसडक़ प्रोजेक्ट 200 करोड़ का, बजट मिल रहा केवल 6 करोड़, देश की बड़ी कंपनी पर आरोप | Accused of motor union on NCL, only formility in road construction | Patrika News

सडक़ प्रोजेक्ट 200 करोड़ का, बजट मिल रहा केवल 6 करोड़, देश की बड़ी कंपनी पर आरोप

locationसिंगरौलीPublished: Jul 17, 2019 10:12:51 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

मोटर यूनियन का आरोप, सडक़ निर्माण में होगी केवल खानापूर्ति….

NCL is producing coal while fighting Corona virus in Singrauli.

NCL is producing coal while fighting Corona virus in Singrauli.

सिंगरौली. कोल परिवहन से ध्वस्त हो चुकी सडक़ को दुरुस्त करने के लिए एनसीएल प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट तो 200 करोड़ का तैयार किया गया, लेकिन ठेका देने तक पहुंची प्रक्रिया अब महज छह करोड़ तक सीमित होकर रह गई है।
कंपनी को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद प्रोजेक्ट की कवायद ठंडी होकर चंद करोड़ तक सीमित रहती नजर आ रही है। जिला प्रशासन के दबाव में सडक़ तैयार करने की हामी भरने वाला एनसीएल प्रबंधन अब महज खानापूर्ति करने की कवायद में लगा हुआ है।
एनसीएल प्रबंधन के प्रोजेक्ट की कवायद को शिथिल पड़ती नजर आ रही है।अब केवल उस सडक़ को दुरुस्त करने की कवायद चल रही है, जो गोरबी ब्लाक सहित अन्य खदानों से होने वाले कोल परिवहन के चलते ध्वस्त हो गई है। उसमें भी खानापूर्ति करने की कवायद होगी। बात मोरवा में शुक्ला मोड़ से लेकर खनहना तक की नौ किलोमीटर की सडक़ की कर रहे हैं।
एनसीएल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी केवल इस सडक़ को दुरुस्त करने की योजना में है। दरअसल ध्वस्त हो चुकी सडक़ का नतीजा यह है कि आए दिन वहां सडक़ दुर्घटना हो रही है। दुर्घटनाओं के मद्देनजर सक्रिय हुए जिला प्रशासन ने एनसीएल प्रबंधन से सडक़ को बनाने का निर्देश दिया। दबाव में कंपनी की ओर सडक़ निर्माण की हामी तो भर ली गई, लेकिन अब केवल खानापूर्ति हो रही है।

सडक़ नौ किलोमीटर की, बजट केवल 6.97 करोड़
शुक्ला मोड़ से खनहना तक की सडक़ नौ किलोमीटर की है। इस सडक़ को बनाने के लिए एनसीएल की ओर से करीब 6.97 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। सडक़ की दूरी और स्थिति के मद्देनजर इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा माना जा रहा है।
सिंगरौली मोटर यूनियन ने एनसीएल की प्रबंधन की ओर से निर्धारित इस बजट पर आपत्ति दर्ज की है। कहना है कि ठेके की प्रक्रिया में ठेकेदार निर्माण कार्य पाने के फेर में बिलो रेट पर निविदा भरेंगे। ऐसे में तय है कि सडक़ का ठेका पांच करोड़ से अधिक का नहीं होगा। ऐसे में सडक़ निर्माण में महज खानापूर्ति होगी।
वर्जन –
सडक़ अगर सिंगल लेन की भी बनाई जाए तो उसमें चार करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। पूर्व में शुक्ला मोड़ से खनहना तक की सडक़ बनाने के लिए एनसीएल प्रबंधन ने दो लेन की सडक़ बनाने की बात करते हुए रायल्टी मद से 200 करोड़ रुपए खर्च करने की बात की थी, लेकिन अब सात करोड़ से भी कम का स्टीमेट तैयार किया गया है। यह महज लीपापोती है।
राजेश सिंह, अध्यक्ष सिंगरौली मोटर यूनियन।
वर्जन –
एनसीएल की ओर से पूर्व में केवल इतना कहा गया था कि कोई एजेंसी सडक़ बनाती है तो प्रबंधन की ओर से भी इसमें यथा संभव में मदद की जा सकती है। क्योंकि सडक़ का उपयोग एनसीएल की ओर से भी किया जाता है। बाकी मोटर यूनियन की ओर से कही गई सारी बातें बेबुनियाद है। कंपनी पर उनकी ओर से लगाए गए आरोप तथ्यहीन है।
सीरथ सिंह, जनसंपर्क अधिकारी एनसीएल।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो