खनिज विभाग के अधिकारी केवल भंडारण पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। दलील है कि सोन नदी में उत्खनन पर रोक लगाने खनिज विभाग का अधिकार नही हैं। क्योंकि यह क्षेत्र सोन घडि़याल के कब्जे में आता है। खनिज विभाग के जिम्मेदार अफसरों की ये बात कितना सच है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है। विभाग के अफसर चाहें तो सोन घडि़याल की टीम के साथ अवैध उत्खनन व परिवहन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई कर सकते हैं। मगर, हकीकत तो यह है कि भंडारण की जब्ती कर विभाग के अफसरान वाहवाही लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक चितरंगी ब्लाक चौबीस घंटे जारी अवैध रेत उत्खनन व परिवहन के मद्देनजर खनिज अमला शनिवार को चितरंगी के पांच स्थानों पर दबिश देकर 1372 घन मीटर रेत का भंडारण जब्त किया है। सोन नदी से सटे दुआरी में 560 घन मीटर, लमसरई में 434 घन मीटर, पोंड़ी में 98 घन मीटर व रमडिहा से 280 घन मीटर रेत भंडारण जब्त किया है। भंडारण जब्त करने के बाद खनिज अधिकारियों को मुख्यालय लौटने में देर लगती होगी लेकिन रेत कारोबारी पुन: स्थान बदलकर भंडारण शुरू कर देते हैं।
उत्खनन पर लगानी होगी रोक
बतादें कि चितरंगी की रेत यूपी पहुंच रही है। सोन नदी में हर रोज उत्खनन व परिवहन करते सैकड़ों वाहन देखने को मिल जाएंगे। खनिज विभाग चितरंगी में दबिश देकर भंडारण की कार्रवाई कर रहा है लेकिन उत्खनन व परिवहन के खिलाफ कार्रवाई करने विभाग के अफसर कतरा रहे हैं। जब तक उत्खनन पर रोक नहीं लगती है तो भंडारण कितना जब्त करेंगे। जब्त करने के बाद रातोरात पुन: रेत कारोबारी भारी मात्रा में अवैध रेत का भंडारण करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। इसलिए सोन घडि़याल व खनिज विभाग को उत्खनन व परिवहन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने की जरूरत है।