बाजार में खरीदारी करने व यात्रियों को परेशानियों की दौर से गुजरना पड़ता है। क्योंकि दुकान ऐसे जगह पर संचालित हो रही है। जहां से खरीदारी करने के लिए महिलाएं भी गुजरती है। शराबियों को लेकर महिलाओं को भय बना रहता है। बताया जाता है कि शहर के बीचोबीच संचालित शराब दुकान को अन्यत्र हटाने की कवायद नहीं की जा रही है। शराबियों की ओर से अभद्र टिप्पणी राह चलते महिलाओं को सहज ही सुनने को मिल रही है।
घरेलू सामग्री की खरीदारी करने शाम के वक्त बाजार में भीड़ जुटी रहती है। उस दौरान शराब दुकान के आस-पास भी शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। इस गंभीर समस्या को लेकर आबकारी महकमा गंभीर नहीं है। यदि शराब दुकान को बस स्टैंड के पास से कहीं अन्यत्र हटाया जाए तो शाम के वक्त भीड़ काफी कम हो जाएगी। क्योंकि ज्यादातर शराब पीने वालों की भीड़ बस स्टैंड व आसपास में जुटी रहती है। इस स्थिति में महिलाएं व बेटियां मार्ग से होकर निकलने से भयभीत रहती हैं।
दुकान के पास में ही होती है बैठकी
शराब खरीदने के बाद इर्द-गिर्द ही शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। दुकान से शराब खरीदने के बाद शराबी आसपास ही बैठकर शराब का सेवन करते हैं। इसके बाद देर तक उनका जमावड़ा लगा रहता है और शराबियों के बीच विवाद भी होता है। इस गंभीर समस्या को संज्ञान में लेने की जरूरत है। क्योंकि जिस स्थान पर शराब दुकान का संचालन किया जा रहा है। वहां आसपास शराबियों की महफिल देर रात तक देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में दुकान को बीच शहर से अन्यत्र हटाया जाना ही उचित होगा।
स्वच्छता की उड़ा रहे धज्जियां
देखा जाए तो शहर के अन्य स्थानों की अपेक्षा शराब दुकान के आसपास कचरा व गंदगी से पटा गया है। यहां शराब की बोतलें व अन्य कचरों का अंबार लगा रहता है। एक ओर निगम के सफाई कर्मी साफ स्वच्छ करने में जुटे रहते हैं। वहीं दूसरी ओर गंदगी से दुकान के सामने की नाली पटी पड़ी रहती है। तुलना किया जाए तो यहां जितनी गंदगी पूरे शहर में कहीं नहीं होती होगी।