प्रभारी मेट्रन की ओर से की गई शिकायत के मुताबिक सीएमएचओ ने अवकाश स्वीकृत करने के बाद बिना किसी नोटिस के कार्रवाई के लिए प्रस्ताव कलेक्टर को भेज दिया था।शिकायत में बताया गया कि एक मार्च से 31 मार्च तक मेट्रन उर्मिला जायसवाल ने अवकाश लिया था। अवकाश को प्रभारी सिविल सर्जन व सीएमएचओ ने मार्क किया था। साथ ही आरएमओ ने भी मंजूरी दी थी। फिर भी सीएमएचओ ने प्रभारी मेट्रन के निलंबन का प्रस्ताव कलेक्टर को भेज दिया।इसके बाद वहां निलंबन की कार्रवाईकर दी गई।
प्रभारी सीएस व सीएमएचओ की ओर से की गई इस कार्रवाईको द्वेषपूर्ण भावना से ग्रसित होकर किया गया बताया गया है। यह भी शिकायत है कि इससे पहले सीएस व सीएमएचओ की ओर से मेट्रन को धमकी भी दी गई थी। गौरतलब है कि निलंबन की कार्रवाई करने के बाद प्रभारी सीएस ने स्टाफ नर्स ज्योति सिंह को मेट्रन का प्रभार दिया है।
कलेक्टर ने किया आश्वस्त
बताया गया है कि निलंबित मेट्रन की शिकायत व फरियाद सुनने के बाद कलेक्टर ने मेट्रन को मामले की जांच कराने और आचार संहिता खत्म होने के बाद जांच रिपोर्ट आने पर शिकायत सही पाए जाने पर बहाल कराने का आश्वासन दिया है।
कलेक्टर ने किया आश्वस्त
बताया गया है कि निलंबित मेट्रन की शिकायत व फरियाद सुनने के बाद कलेक्टर ने मेट्रन को मामले की जांच कराने और आचार संहिता खत्म होने के बाद जांच रिपोर्ट आने पर शिकायत सही पाए जाने पर बहाल कराने का आश्वासन दिया है।
बाकी स्टॉफ नर्सों पर रहम क्यों…?
प्रभारी सीएस व सीएमएचओ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगा है।बताया गया कि जिस दौरान प्रभारी मेट्रन को निलंबित किया गया, उस समय कई स्टॉफ नर्स बिना सूचना अनुपस्थित रहीं, लेकिन उन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि प्रभारी मेट्रन का अवकाश स्वीकृत होने के बावजूद उनके निलंबन का प्रस्ताव कलेक्टर को भेज दिया गया और वहां से कार्रवाईहो गई।
प्रभारी सीएस व सीएमएचओ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगा है।बताया गया कि जिस दौरान प्रभारी मेट्रन को निलंबित किया गया, उस समय कई स्टॉफ नर्स बिना सूचना अनुपस्थित रहीं, लेकिन उन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि प्रभारी मेट्रन का अवकाश स्वीकृत होने के बावजूद उनके निलंबन का प्रस्ताव कलेक्टर को भेज दिया गया और वहां से कार्रवाईहो गई।