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वर्षों से पड़त पड़ी जमीन पर लहलहाएगी खेती, बढ़ेगा बोवनी का रकवा

locationसिंगरौलीPublished: Jun 29, 2020 11:19:12 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

कृषि विभाग ने बनाई योजना …..

agriculture dept increase cultivation fallow land in Singrauli

agriculture dept increase cultivation fallow land in Singrauli

सिंगरौली. कृषि विभाग अब की उस जमीन पर भी खेती कराएगा, जो वर्षों से पड़त पड़ी है। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों व जिलों से आए प्रवासी श्रमिकों को खेती के कार्य में लगाने की उम्मीद से विभाग ने यह योजना बनाई है। प्रवासी खेती में रुचि लें, इसको लेकर कोशिश भी की जा रही है।
खरीफ की फसल में कृषि अधिकारी अब की बार धान का रकवा बढ़ाने की कोशिश में हैं। इसकी दो वजह है। एक तो मौसम की ओर से मौका नहीं मिलने के चलते मक्का की बोवनी पर्याप्त मात्रा में नहीं हो सकी है। दूसरी वजह यह है कि विभाग को यह बात समझ में आ रही है कि बाहर से आने वाले ज्यादातर प्रवासी लोग खेती में ही अधिक रुचि दिखाएंगे।
अधिकारियों के मुताबिक उनकी कोशिश होगी कि पिछली बार की तुलना में इस बार बोवनी के रकबे में डेढ़ गुना की बढ़ोत्तरी हो। पिछले वर्ष खरीफ में 141 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई थी। धान का रकवा पिछली बार सबसे अधिक 49 हजार हेक्टेयर था। इस बार धान की बोवनी 60 हजार हेक्टेयर में कराने की तैयारी है। जबकि मक्का की बोवनी में इस बार कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं दिख रही है।
वर्तमान में मौसम की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों का अनुमान है कि पिछली बार जितने रकवा में मक्का की बोवनी हो जाए तो पर्याप्त है। पिछले वर्ष 30 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोवनी हुई थी। अरहर की बोवनी 28 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 35 हजार करने की योजना है। तिल की बोवनी 17 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर २० हजार करने की योजना है। इसी प्रकार अन्य फसल में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी।
बारिश से मक्का की बोवनी हुई प्रभावित
लगातार बारिश के चलते इस बार मक्का जैसी अन्य फसलों की बोवनी प्रभावित हुई है। दरअसल मक्का की बोवनी के लिए खेत तैयार करने के लिए किसानों को मौका नहीं मिला। कुछ किसानों ने जैसे-तैसे बोवनी की भी तो बारिश के चलते बीज अंकुरित नहीं हुए। इसीलिए मक्का के स्थान पर अब किसान धान की बोवनी करने की तैयारी कर रहे हैं।
तकनीकी आधारित खेती की समझाइस
इधर, कृषि विभाग किसानों को उन्नत किस्म का बीज उपलब्ध कराते हुए उनसे तकनीकी आधारित खेती करने की अपील कर रहा है। लॉकडाउन में दूसरे जिलों व राज्यों से लौटे लोगों को भी खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी सक्रिय हैं। उनकी ओर से समझाइस दी जा रही है।
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