ओपीडी में केवल दो चिकित्सक मरीजों को देख रहे थे। अचानक से पहुंची मरीजों की भीड़ को देखकर अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था बनाने में जुट गए। शुक्रवार को इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी उन्होंने ओपीडी में बुला लिया। इसके बाद मरीजों को उपचार मुहैया हुआ है। मौसम पूरे तेवर में है। शहर सहित ग्रामीण अंचल में लोग बीमार पड़ रहे हैं।
आलम यह है कि जिला अस्पताल की ओपीडी में हर रोज करीब पांच सौ से अधिक मरीजों की संख्या पहुंच रही है। इसमें ज्यादातर मरीज देहात से पहुंच रहेे हैं। ऐसे वक्त पर यदि जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में चिकित्सक न मिले तो दूरी तय कर अस्पताल पहुंचे मरीजों को निराश होना पड़ता है। कुछ ऐसा ही हाल शुक्रवार को जिला अस्पताल में देखने मिला है। यह बात और है कि मरीजों को परेशान देखकर प्रबंधन ने आनन-फानन में उन चिकित्सकों को भी बुला लिया। जिनकी ड्यूटी इममरजेंसी में लगी थी।
ओपीडी में लगती है लंबी लाइन
दिन का तापमान लगातार बढऩे के साथ ही अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल के ओपीडी में पांच सौ मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे है। इन मरीजों में 25 फीसदी लू लगने के मरीज है। वहीं डायरिया, पेट दर्द, दस्त, बुखार के मरीज भी पहुंच रहे हैं। वार्डों में ज्यादातर गंभीर मरीज भर्ती है। चिकित्सक भी लोगों को गर्मी से बचाव की सलाह दे रहे हैं।
दिन का तापमान लगातार बढऩे के साथ ही अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल के ओपीडी में पांच सौ मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे है। इन मरीजों में 25 फीसदी लू लगने के मरीज है। वहीं डायरिया, पेट दर्द, दस्त, बुखार के मरीज भी पहुंच रहे हैं। वार्डों में ज्यादातर गंभीर मरीज भर्ती है। चिकित्सक भी लोगों को गर्मी से बचाव की सलाह दे रहे हैं।
यह चिकित्सक कर रहे थे ड्यूटी
जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में शुुक्रवार को डॉ. अश्वनी पाण्डेय, डॉ. संदीप भगत शिशु रोग विशेषज्ञ ओपीडी में ड्यूटी कर रहे थे। मरीजों को संख्या बढऩे पर अस्पताल प्रबंधन ने डॉ. संतोष कुमार व एक महिला चिकित्सक को व्यवस्था बढ़ाने के लिए बुला लिया। इसके बाद बारी-बारी से मरीजों को ओपीडी में चिकित्सकों ने देखा।
जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में शुुक्रवार को डॉ. अश्वनी पाण्डेय, डॉ. संदीप भगत शिशु रोग विशेषज्ञ ओपीडी में ड्यूटी कर रहे थे। मरीजों को संख्या बढऩे पर अस्पताल प्रबंधन ने डॉ. संतोष कुमार व एक महिला चिकित्सक को व्यवस्था बढ़ाने के लिए बुला लिया। इसके बाद बारी-बारी से मरीजों को ओपीडी में चिकित्सकों ने देखा।
एक बड़ी समस्या यह भी
जिला अस्पताल में ओपीडी का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया है। बीच में डॉक्टरों के लिए लंच टाइम भी रखा गया है लेकिन देखने में आ रहा है कि एक ओर सुबह 9.30 बजे के पहले डॉक्टर अपने कक्ष में नहीं आते यही नहीं कुछ अन्य स्टॉफ भी समय में अस्पताल नहीं पहुंचता है। वहीं लंच टाइम के बाद अधिकांश डॉक्टर अस्पताल में नहीं मिलते।
जिला अस्पताल में ओपीडी का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया है। बीच में डॉक्टरों के लिए लंच टाइम भी रखा गया है लेकिन देखने में आ रहा है कि एक ओर सुबह 9.30 बजे के पहले डॉक्टर अपने कक्ष में नहीं आते यही नहीं कुछ अन्य स्टॉफ भी समय में अस्पताल नहीं पहुंचता है। वहीं लंच टाइम के बाद अधिकांश डॉक्टर अस्पताल में नहीं मिलते।