शॉपिंग कॉप्लेक्स की दुकानों को आवंटित करने की प्रक्रिया में निविदा जारी करने के साथ ही उसे ओपन भी कर दिया गया है। वैसे तो सभी दुकानों की साइज समान है, लेकिन पहले और अंत में होने की प्राथमिकता के मद्देनजर दुकानों के लिए चार से लेकर 11 लाख रुपए तक की बोली लगी है। 49 दुकानों के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले आवेदकों से आधी रकम भी जमा करा ली गई है। इतना कुछ होने के बावजूद मामला अधर में लटकने की पूरी संभावना है। इसकी मूल वजह प्रक्रिया को लेकर उठ रहे कई तरह के सवाल हैं।
निगम सूत्रों के मुताबिक एक तो आवंटन की अब तक अपनाई गई प्रक्रिया में तीन दुकानों को शामिल नहीं किया गया है।दूसरे एक ही आवेदक की बोली कई दुकानों के लिए सर्वाधिक है। इस तरह से कई आवेदक जहां दुकान पाने से वंचित रह जाएंगे। वहीं दूसरी ओर एक ही आवेदक को सर्वाधिक बोली लगाने के एवज में कई दुकानें आवंटित होती दिख रही है। इसको लेकर अभी से विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों तक भी यह बात पहुंचाई जा चुकी है। यह बात और है कि अधिकारी अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
आचार संहिता बाद बुलाई जाएगी परिषद की बैठक
आचार संहिता खत्म होने के बाद नगर निगम परिषद की बैठक बुलाई जाएगी। यह बैठक इस कार्यकाल की अंतिम बैठक मानी जा रही है। बैठक के एजेंडा में दुकान आवंटन का मुद्दा मुख्य माना जा रहा है। सभी आवेदकों की निगाह परिषद की बैठक पर भी टिकी हुई है। इधर निगम के अधिकारी संबंधित दस्तावेज तैयार करने में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि परिषद की बैठक अंतिम होगी, इसलिए परिषद सदस्य कोई भी गलती स्वीकार करने के मूड में नहीं होंगे।