जिला प्रशासन ने चालू वित्तीय वर्ष में 550 करोड़ रुपए की राशि मिलने की उम्मीद जताई है। माना जा रहा है कि इसका 75 फीसदी हिस्सा करीब 403 करोड़ रुपए से अधिक की राशि राज्य खनिज प्रतिष्ठान निधि में चली जाएगी। बाकी की 25 फीसदी यानी 146 करोड़ रुपए की राशि ही यहां जिले के लिए बचेगी। राज्य शासन से मिले निर्देश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने खनिज मद से मिलने वाली राशि 146 करोड़ रुपए की ही विकास योजना बनाई है।
डीएमएफ की राशि से प्रशासन ने उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में 85 करोड़ और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 56 राशि निर्धारित की गई है। प्रशासनिक व्यय के लिए करीब साढ़े 4 करोड़ की राशि सुरक्षित की गई है। इस राशि से पेयजल, पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध व नि:शक्तजन कल्याण, कौशल विकास, स्वच्छता, भौतिक अवसंरचना, सिंचाई व ऊर्जा एवं वाटर शेड विकास सहित अन्य कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
केंद्र सरकार का आदेश नजरअंदाज
डीएमएफ मद से संबंधित केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को निर्देश जारी हुआ है कि जिला मद को पूरी राशि दी जाए, लेकिन यह आदेश ठंडे बस्ते में चला गया है। पूर्व में राज्य सरकार 50 फीसदी हिस्सा लेती रही है, लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार का हिस्सा 50 से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। जिले के लिए केवल 25 फीसदी भाग ही बचता है।
डीएमएफ मद से संबंधित केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को निर्देश जारी हुआ है कि जिला मद को पूरी राशि दी जाए, लेकिन यह आदेश ठंडे बस्ते में चला गया है। पूर्व में राज्य सरकार 50 फीसदी हिस्सा लेती रही है, लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार का हिस्सा 50 से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। जिले के लिए केवल 25 फीसदी भाग ही बचता है।
सिंगरौली विधायक ने भी की है मांग
खनिज प्रतिष्ठान निधि की पूरी राशि जिले के विकास में खर्च की जाए। सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य की ओर से भी यह मांग की गई है, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश और विधायक को मांग पर गौर नहीं किया है। विपक्ष कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी केंद्र सरकार के आदेश का हवाला देते हुए राशि जिले में ही खर्च करने की मांग की है।
खनिज प्रतिष्ठान निधि की पूरी राशि जिले के विकास में खर्च की जाए। सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य की ओर से भी यह मांग की गई है, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश और विधायक को मांग पर गौर नहीं किया है। विपक्ष कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी केंद्र सरकार के आदेश का हवाला देते हुए राशि जिले में ही खर्च करने की मांग की है।