बता दें कि जेपी मझौली कोल ब्लॉक में कार्यर्त पीडि़त इंजीनियर ने थाने में शिकायती पत्र दिया था कि जेपी पावर वेंचर लिमिटेड अमिलिया नार्थ कोल ब्लॉक मझौली के एचआर हेड व ज्वाइंट डायरेक्टर ने बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की, फिर जबरिया उससे इस्तीफा लिखावा लिए। उसने अपनी शिकायत में बताया था कि इनकी प्रताडऩा से पहले ही मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया था। अब स्थिति और बिगड़ गई है। नौकरी जाने से पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। वहीं दूसरी ओर पीड़ित युवती ने मीडिया में अधिकारियों पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले में भी पुलिस अब तक पीड़ित युवती का बयान तक दर्ज नहीं कर पाई है।
ऐसे में लोगों का गुस्सा अब पुलिस पर उतर रहा है। उनका आरोप है कि जेपी मझौली कोल ब्लॉक के अधिकारियों से जुड़े मामले में बरगवां पुलिस दोहरा मापदंड अपना रही है। लोगों का कहना है कि 10 दिन पहले थाने में पीडि़ता युवती व इंजीनियर द्वारा शिकायत करने के बावजूद आरोपी अधिकारियों के विरूद्ध बरगवां पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है।
वहीं पुलिस की माने तो इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें चोट के आरोपों को सही दर्शाया गया है। लोगों का कहना है कि इतना सब होने के बावजूद आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई न होना बरगवां थाना पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
हैरत करने वाली बात यह भी है कि बरगवां टीआई नागेंद्र सिंह 10 सितंबर को भी यही कहते हुए नजर आये थे कि युवती का बयान दर्ज करने की कोशिश की जा रही है। वहीं इंजीनियर मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई अवश्य की जाएगी। लेकिन उनकी कार्रवाई केवल बयानों तक सीमित रही है।