जानकारों की माने तो सर्दियों में प्यास भी कम लगती है लेकिन शरीर को पानी की आवश्यकता बहुत ज्यादा होती है। इसलिए सर्दी में भी कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पीएं। इस मौसम में अस्थमा यानि दमे के रोगियों को अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में सांस से संबंधित परेशानियां अक्सर स्वस्थ व्यक्तियों को भी सताती रहती है।
ऐसे में अगर किसी को अस्थमा है तो दिक्कतें बढ़ सकती है। इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति ठंडी में अपने चेहरे को ढककर रखें। बहुत जरूरी काम हो तभी घर से बाहर जाएं। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का भरपूर उपयोग करें और अपने शरीर को गर्म रखें। अच्छा पौष्टिक खाना खाएं और कुछ व्यायाम भी करते रहें। ठंडी में सेहतमंद भोजन के अलावा अपने आप को ठंड से बचा कर रखें और शरीर को गर्म रखें।
डॉक्टर संतोष कुमार बताते हैं कि सर्दी में अस्थमा के रोगियों का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा के मरीज दवाएं समय पर लें। जरूरत के अनुसार इनहेलर का प्रयोग करें। उन कारणों से बचें जिनसे अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ती है। खानपान पर नियंत्रण रखें और कुछ खाते समय धीरे-धीरे व अच्छी तरह चबाकर खाएं। गर्म मसाले लाल मिर्च न खाएं या कम मात्रा में लें।
सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, तेज खांसी, नाखून व होठ नीले पडऩा, तीव्र अस्थमा अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा छाती में जकडऩ सांस लेते समय खरखराहट की आवाज आदि इसके सामान्य लक्षण हैं।
– ठंडे खाने से परहेज करें।
– हल्का गुनगुना पानी पिएं।
– गजक या मेथी व गुड़ के बने तिल के लड्डू खाएं।
– सर्द हवाओं से बचने के लिए हमेशा मफ लर बांधकर ही बाहर निकलें।
– सर्दी के मौसम में ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम,कोल्ड ड्रिंक आदि से बचें।
– तली-भुनी चीजें व जरूरत से ज्यादा खाने से भी परहेज करें।