छात्रों को पैदल जाना पड़ा स्कूल
इस बीच गोरबी क्षेत्र के बच्चों को स्कूल जाने के लिए जूझना पड़ा। बच्चे कई किलोमीटर तक मुख्य मार्ग पर कीचड़ और भारी वाहनों के बीच से पैदल यात्रा करके स्कूल पहुंचे। जिसे देखकर स्थानीय लोगों द्वारा भी यह बात कही गई कि यदि मुख्य मार्ग पर नन्हे बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। वहीं स्थानीय लोगों ने निर्माणाधीन कंपनी और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया है। मार्ग के दोनों तरफ पांच किमी तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। बता दें कि जाम शुक्रवार की शाम को लगा और शनिवार की सुबह करीब 10 बजे जाम को बहाल कराया गया। जाम के चलते स्कूली छात्रों को चार किमी पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ा है।
इस बीच गोरबी क्षेत्र के बच्चों को स्कूल जाने के लिए जूझना पड़ा। बच्चे कई किलोमीटर तक मुख्य मार्ग पर कीचड़ और भारी वाहनों के बीच से पैदल यात्रा करके स्कूल पहुंचे। जिसे देखकर स्थानीय लोगों द्वारा भी यह बात कही गई कि यदि मुख्य मार्ग पर नन्हे बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। वहीं स्थानीय लोगों ने निर्माणाधीन कंपनी और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया है। मार्ग के दोनों तरफ पांच किमी तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। बता दें कि जाम शुक्रवार की शाम को लगा और शनिवार की सुबह करीब 10 बजे जाम को बहाल कराया गया। जाम के चलते स्कूली छात्रों को चार किमी पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ा है।
जाम फंसे बड़े वाहन, राहगीरों को हुई परेशानी
जाम के चलते वाहनों का आवागमन बंद हो गया। सड़क के किनारे कोयला परिवहन कर रहे ट्रेलरों को खड़ी कर देने से मुख्य मार्ग पर बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हाइवा, ट्रेलर, स्कूल बसें सहित अन्य वाहन जाम में फंसी रहीं, जिससे राहगीरों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। साथ ही स्कूली वाहन भी जाम में फंसे थे, जिससे स्कूली बच्चों को चार किमी दूरी का सफर तय कर काफी देरी से स्कूल पहुंचे हैं। जाम की सूचना मिलने पर मोरवा टीआई नरेंद्र सिंह रघुवंशी एवं गोरबी चौकी प्रभारी उदय करिहार दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर जाम को बहाल कराया। गोरबी चौकी प्रभारी ने कहा कि एनएच-75 में बड़े-बड़े गढ्ढे हो गये हैं। वहीं कोयला परिवहन कर रहे ट्रेलर चालक मार्ग के दोनों ओर वाहनों को खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति निर्मित होती है।
जाम के चलते वाहनों का आवागमन बंद हो गया। सड़क के किनारे कोयला परिवहन कर रहे ट्रेलरों को खड़ी कर देने से मुख्य मार्ग पर बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हाइवा, ट्रेलर, स्कूल बसें सहित अन्य वाहन जाम में फंसी रहीं, जिससे राहगीरों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। साथ ही स्कूली वाहन भी जाम में फंसे थे, जिससे स्कूली बच्चों को चार किमी दूरी का सफर तय कर काफी देरी से स्कूल पहुंचे हैं। जाम की सूचना मिलने पर मोरवा टीआई नरेंद्र सिंह रघुवंशी एवं गोरबी चौकी प्रभारी उदय करिहार दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर जाम को बहाल कराया। गोरबी चौकी प्रभारी ने कहा कि एनएच-75 में बड़े-बड़े गढ्ढे हो गये हैं। वहीं कोयला परिवहन कर रहे ट्रेलर चालक मार्ग के दोनों ओर वाहनों को खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति निर्मित होती है।
कलेक्टर के आदेश को किया दरकिनार
बता दें कि सिंगरौली-सीधी मार्ग के बीच गोरबी-बरगवां मार्ग की हालत पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है। सड़कों पर बड़े-बड़े गढ्ढे हो गये हैं। गत माह कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एनएच-75 के निर्माण कार्य को लेकर निर्माण कार्य करा रही कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाया था, साथ ही खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत कर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से जगह-जगह साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन सड़क निर्माण करा रहे कंपनी के अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश को दरकिनार कर दिया। यही वजह है कि मार्ग पर आये दिन जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।
बता दें कि सिंगरौली-सीधी मार्ग के बीच गोरबी-बरगवां मार्ग की हालत पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है। सड़कों पर बड़े-बड़े गढ्ढे हो गये हैं। गत माह कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एनएच-75 के निर्माण कार्य को लेकर निर्माण कार्य करा रही कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाया था, साथ ही खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत कर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से जगह-जगह साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन सड़क निर्माण करा रहे कंपनी के अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश को दरकिनार कर दिया। यही वजह है कि मार्ग पर आये दिन जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।
कांग्रेसियों ने जताया विरोध
निर्माणाधीन कंपनी की लापरवाही को देखते हुए जिला प्रशासन को उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। निर्माण कार्य करा रही उक्त कंपनी को बार-बार अवसर प्रदान किया जा रहा है। यह विडंबना है कि जिले के विकास कार्यों का बखान करने में लगी सत्ताधारी पार्टी के किसी भी नेताओं ने इस मुद्दे पर रुचि नहीं दिखाई है, लेकिन बीते दिनों कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसे मुद्दा बनाकर एनएच-75 के गढ्ढों पर धान की रोपाई कर अपना विरोध जताया था। बहरहाल एनएच-75 का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। सड़कों के गढ्ढों को देखकर यही लगता है कि लोगों को अभी और परेशानियां झेलनी पड़ेंगी।
निर्माणाधीन कंपनी की लापरवाही को देखते हुए जिला प्रशासन को उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। निर्माण कार्य करा रही उक्त कंपनी को बार-बार अवसर प्रदान किया जा रहा है। यह विडंबना है कि जिले के विकास कार्यों का बखान करने में लगी सत्ताधारी पार्टी के किसी भी नेताओं ने इस मुद्दे पर रुचि नहीं दिखाई है, लेकिन बीते दिनों कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसे मुद्दा बनाकर एनएच-75 के गढ्ढों पर धान की रोपाई कर अपना विरोध जताया था। बहरहाल एनएच-75 का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। सड़कों के गढ्ढों को देखकर यही लगता है कि लोगों को अभी और परेशानियां झेलनी पड़ेंगी।
टेक्नो यूनिक की लापरवाही फिर उजागर
बताया गया है कि वर्षों से रोड निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े गढ्ढे हो गए हैं। कहीं भी पानी के निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। जिस कारण स्थिति भयावह हो जाती है, लेकिन इस समस्या को गंभीरता से लेने वाला कोई नहीं है। गौरतलब है कि आए दिन मुख्य मार्गों पर जाम लगता है। बीते समय भी जिला प्रशासन के सख्त रवैया के बाद निर्माणाधीन कंपनी द्वारा गढ्ढों में सिर्फ मिट्टी भरकर खानापूर्ति कर दी गई थी जिसकी पोल हल्की बरसात के बाद ही खुल गई। जहां मिट्टी बह जाने से वाहन जहां तहां फंस गए और लोगों को जाम से जूझना पड़ा।
बताया गया है कि वर्षों से रोड निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े गढ्ढे हो गए हैं। कहीं भी पानी के निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। जिस कारण स्थिति भयावह हो जाती है, लेकिन इस समस्या को गंभीरता से लेने वाला कोई नहीं है। गौरतलब है कि आए दिन मुख्य मार्गों पर जाम लगता है। बीते समय भी जिला प्रशासन के सख्त रवैया के बाद निर्माणाधीन कंपनी द्वारा गढ्ढों में सिर्फ मिट्टी भरकर खानापूर्ति कर दी गई थी जिसकी पोल हल्की बरसात के बाद ही खुल गई। जहां मिट्टी बह जाने से वाहन जहां तहां फंस गए और लोगों को जाम से जूझना पड़ा।