जानकारी के लिए बतादें कि जिला अस्पताल पुराने सीएमएचओ कार्यालय के पास लाखों की दवा डंप करने के बाद किस्तों में आग के हवाले कर रहा है। दवाओं की शीशियां फूट रही हैं। दवाओं के जलने से निकलने वाला धुआं जिला अस्पताल के मरीजों को और बीमार कर रहा है। उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को प्रदूषित धुएं से अन्य बीमारियों के होने का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों को आफत की दौर से गुजरना पड़ रहा है।
बता दें कि जिला अस्पताल में मनमानी का आलम यह है कि मरीजों को पूरे इलाज के लिए किस्तों में दवा मिलती है। कुछ दिन के अंतराल के बाद मरीजों को केवल दवा लेने के लिए फिर से अस्पताल आना पड़ता है। शायद यही वजह है कि अस्पताल में लाखों रुपए की दवा एक्सपायर हो गई है। जिससे एक दो दिनों के अंतराल के बाद निर्धारित प्रक्रिया के नष्ट करने के बजाए आग के हवाले कर दिया जा रहा है।
यह है नियम:
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दवाओं के लिए एक रजिस्टर मेंटेन होता है। दवाएं जहां से आती हैं। एक्सपायर होने पर उन दवाओं को वहीं वापस कर दिया जाता है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत विभाग के अधिकारियों की एक कमेटी गठित किया जाना चाहिए। कमेटी ही एक्सपायरी दवाओं को वापस करने या फिर नष्ट करने का निर्णय लेती है।दवाओं को जलाने की प्रक्रिया किसी भी स्थिति में नहीं अपनाई जा सकती है। दवाओं को मिट्टी के नीचे दबा कर या अन्य दूसरे तरीके से नष्ट किया जा सकता है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दवाओं के लिए एक रजिस्टर मेंटेन होता है। दवाएं जहां से आती हैं। एक्सपायर होने पर उन दवाओं को वहीं वापस कर दिया जाता है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत विभाग के अधिकारियों की एक कमेटी गठित किया जाना चाहिए। कमेटी ही एक्सपायरी दवाओं को वापस करने या फिर नष्ट करने का निर्णय लेती है।दवाओं को जलाने की प्रक्रिया किसी भी स्थिति में नहीं अपनाई जा सकती है। दवाओं को मिट्टी के नीचे दबा कर या अन्य दूसरे तरीके से नष्ट किया जा सकता है।
नियम का नहीं हुआ पालन
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियम को दरकिनार कर दवाओं को आग के हवाले कर दिया।स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि दवाएं जब एक्सपायरी हो गई तो उसे रखने से कोई फायदा नहीं है। वापस करने में भी झंझट मोल लेना पड़ता है। इसलिए जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के पीछे दवाओं को इकठ्ठा कर उसमें आग लगा दी गई है।
वर्जन:-
एक्सापायरी दवाओं को जला सकते हैं ऐसा नियम है। लेकिन जो आग लगाई गई है वो कचरा जल रहा है। उसमें एक्सपायरी दवाएं नहीं है।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियम को दरकिनार कर दवाओं को आग के हवाले कर दिया।स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि दवाएं जब एक्सपायरी हो गई तो उसे रखने से कोई फायदा नहीं है। वापस करने में भी झंझट मोल लेना पड़ता है। इसलिए जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के पीछे दवाओं को इकठ्ठा कर उसमें आग लगा दी गई है।
वर्जन:-
एक्सापायरी दवाओं को जला सकते हैं ऐसा नियम है। लेकिन जो आग लगाई गई है वो कचरा जल रहा है। उसमें एक्सपायरी दवाएं नहीं है।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली।