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पशुगणना की तैयारी में पिछड़ा प्रशासन, इस माह से होनी थी पशु गणना

locationसिंगरौलीPublished: Oct 04, 2018 12:02:39 am

Submitted by:

Anil kumar

अब विधानसभा चुनाव के कारण देरी के हालात

Backward administration in the preparation of livestock count, this month was due to cattle count

Backward administration in the preparation of livestock count, this month was due to cattle count

सिंगरौली. सिंगरौली सहित सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में इस माह से शुरू होने वाला पशु गणना का काम कई माह आगे खिसक गया लगता है। उल्लेखनीय है कि हर दस वर्ष बाद पशुगणना का काम होता है और इसकी पूरी प्रक्रिया करीब दो माह तक चलती है। पिछली बार पशुगणना का काम वर्ष 2008 मेें हुआ था और दस वर्ष बीतने के बाद इस वर्ष अक्टूबर से पशुगणना का काम शुरू होना था मगर हालात बताते हैं कि अब तक इसे लेकर शासन के स्तर से कोई निर्देश नहीं मिला। सामने आया कि इसके अलावा पशु गणना को लेकर अब तक कोई कार्ययोजना या कार्यक्रम भी तैयार नहीं हो पाया है। इस कारण चालू माह से हर जिला स्तर पर होने वाली पशुगणना को लेकर अब तक कोई तिथि भी घोषित नहीं हो पाई।
पिछली गणना 2008 में हुई थी
पिछली पशुगणना वर्ष 2008 में करवाई गई थी। बताया गया कि तत्कालीन समय में यह काम अन्य जिलों के साथ-साथ यहां भी अक्टूबर माह में शुरू हुआ था जो लगभग डेढ़ माह चला। इस दौरान जिला मुख्यालय से लेकर ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर तक करीब डेढ़ माह लंबी प्रक्रिया चली और इसमें शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में पालतू व दुधारू पशुओं की गणना का काम पूरा किया गया। इसके बाद पशु चिकित्सा सेवा विभाग के मुख्यालय स्तर पर हर जिले से संकलित संख्या का डाटा बैंक तैयार किया गया। इसमें सामने आए दुधारू व पालतू पशुओं की संख्या के हिसाब से ही जिलों में पशु चिकित्सा सेवाओं के विस्तार व चिकित्सा सुविधा के लिए व्यवस्था संबंधी व्यवस्था का आकलन किया जाता है। इस गणना में गौ व भैंस वंशीय दुधारू पशुओं सहित बकरी व अन्य सभी प्रकार के पशुओं की ग्रामवार गणना की जाती है।
इस बार नहीं शुरू हो पाया काम
मगर कई दिनों के इंतजार के बावजूद इस बार सिंगरौली सहित अन्य जिलों में पशु गणना का काम समय पर शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि बताया गया कि इसके लिए जिला स्तर पर पशु चिकित्सा सेवा विभाग के स्तर पर तैयारी कर ली गई है तथा शासन के स्तर पर गणना कार्य शुरू किए जाने के काम की घोषणा होना बाकी है। मगर शासन के स्तर पर पशु गणना को लेकर अब तक कोई आदेश या कार्ययोजना जारी नहीं की गई है। इस बीच कुछ ही दिन बाद विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित हो जाने और इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित होते ही प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारी इसी काम में व्यस्त हो जाएंगे और पूरे दिसम्बर माह तक चुनाव प्रक्रिया चलने के कारण दूसरा कोई काम नहीं हो पाएगा। इसलिए विधानसभा चुनाव के चलते इस बार जिले में पशुगणना का काम तय समय पर शुरू और पूर्ण होने की संभावना कम दिखाई देती है। यहां उल्लेखनीय है कि दस वर्ष पहले २००८ में हुई पशुगणना में जिले में दुधारू पशुओं में गौ व भैंस वंशीय पशु सबसे अधिक लगभग एक लाख सात हजार पाए गए थे। अब नई गणना में इनकी संख्या काफी बढऩे का अनुमान है।
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