जिले में माइनिंग कॉलेज की स्थापना का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है, जो अब अंतिम चरण में माना जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक कॉलेज के लिए तियरा में जमीन में चिह्नित है। सबसे बड़ी बाधा बजट की थी, जो एनसीएल की ओर से अब पूरी की जाएगी। प्रशासन के प्रस्ताव को एनसीएल ने मंजूर कर लिया है। एनसीएल ने कॉलेज के लिए 75 करोड़ रुपए देने की हामी भरी है। हालांकि प्रशासन की मांग 135 करोड़ की है। माना जा रहा है कि इसके लिए भी जल्द ही सहमति मिल जाएगी। बाकी रकम प्रशासन माइनिंग फंड से खर्च करेगा।
शासन से भी मिल गई है स्वीकृत
इधर, कॉलेज को लेकर शासन से भी हरी झंडी मिल गई है। सिंगरौली विधायक रामलल्लू की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति देने के साथ स्थापना को लेकर कवायद शुरू करने का निर्देश दिया गया है। कॉलेज का प्रस्ताव राज्य के बजट में भी शामिल किया गया है।
इधर, कॉलेज को लेकर शासन से भी हरी झंडी मिल गई है। सिंगरौली विधायक रामलल्लू की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति देने के साथ स्थापना को लेकर कवायद शुरू करने का निर्देश दिया गया है। कॉलेज का प्रस्ताव राज्य के बजट में भी शामिल किया गया है।
छात्र-छात्राओं को मिलेगी बड़ी राहत
जिले में माइनिंग यानी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के बाद स्थानीय छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी। अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए छात्रों को जिले से बाहर का रूख करना पड़ता है। कॉलेज संचालन के बाद प्लेसमेंट की जिम्मेदारी यहां संचालित कंपनियों की होगी।
जिले में माइनिंग यानी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के बाद स्थानीय छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी। अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए छात्रों को जिले से बाहर का रूख करना पड़ता है। कॉलेज संचालन के बाद प्लेसमेंट की जिम्मेदारी यहां संचालित कंपनियों की होगी।
तकनीकी शिक्षा में केवल पॉलिटेक्निक
वर्तमान समय में जिले में तकनीकी शिक्षा के नाम पर केवल एक शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज संचालित है। तकनीकी शिक्षा में स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को दूसरे शहरों की ओर रूख करना पड़ता है। जिले में कंपनियों की ओर से स्कूलों का संचालन किए जाने से यहां की स्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हैं। इसलिए इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जरूरत महसूस की जा रही है। अब दोनों ही कॉलेज का सपना साकार हो सकेगा।
वर्तमान समय में जिले में तकनीकी शिक्षा के नाम पर केवल एक शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज संचालित है। तकनीकी शिक्षा में स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को दूसरे शहरों की ओर रूख करना पड़ता है। जिले में कंपनियों की ओर से स्कूलों का संचालन किए जाने से यहां की स्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हैं। इसलिए इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जरूरत महसूस की जा रही है। अब दोनों ही कॉलेज का सपना साकार हो सकेगा।