बता दें कि मार्च के अंत में जब राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन घोषित हुई तभी बसों का परिचालन भी बंद कर दिया गया था। लेकिन लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद बसों के संचालन की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गई है। बावजूद इसके जिले की सीमा के अंदर बसों का परिचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है। इसकी मूल वजह जिला प्रशासन की वो शर्तें हैं जिन्हें लागू करना बस संचालकों के लिए अनिवार्य है। इस बीच बस संचालकों ने टैक्स सहित अन्य राहत की मांग को लेकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा है।
बस संचालकों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि लॉकडाउन की घोषणा होने के साथ ही परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप कर दी गई। अब जिला प्रशासन ने सशर्त परिवहन की अनुमति दी है। लेकिन इन शर्तों का पालन कर पाना हमारे लिए कठिन है। बस संचालकों ने यह भी बताया है कि लॉकडाउन के चलते हमारा व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसके मद्देनजर सरकार त्रैमासिक टैक्स, 6 महीने तक के लिए माफ कर बस संचालकों को राहत प्रदान करें। इसके साथ ही परिवहन कार्यालय से संबंधित कागजात को 6 महीने तक आगे बढ़ा कर बस संचालकों को राहत दे।
ये हैं शर्तें – सोशल डिस्टेंसिंग के तहत एक सीट पर एक सवारी बैठे
– बस में बैठे सवारी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा
– बस संचालकों को बसों में सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा
– यात्रियों से किराया अधिक ना लें
– जिले की सीमा के भीतर बस का संचालन करें
– बस में बैठे सवारी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा
– बस संचालकों को बसों में सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा
– यात्रियों से किराया अधिक ना लें
– जिले की सीमा के भीतर बस का संचालन करें
पुलिस ने शुरू कर दी है वसूली
बस संचालकों का आरोप है कि जिले के थानों की पुलिस ने वाहनों को रोककर वसूली शुरू कर दी है। इस पर भी रोक लगाई जाए क्योंकि घोषित लॉकडाउन के चलते बस व ट्रक संचालक उबर नहीं पाए की पुलिस की वसूली शुरू होने से वो त्रस्त होते जा रहे हैं। ऐसे में बस संचालकों को परिवहन की सुविधा शुरू करने में भी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा। लिहाजा जिले के बस व ट्रक संचालकों ने सरकार से ट्रैक सहित अन्य राहत की मांग करते हुए पुलिस की वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए मांग पत्र भी सौंपा है।
बस संचालकों का आरोप है कि जिले के थानों की पुलिस ने वाहनों को रोककर वसूली शुरू कर दी है। इस पर भी रोक लगाई जाए क्योंकि घोषित लॉकडाउन के चलते बस व ट्रक संचालक उबर नहीं पाए की पुलिस की वसूली शुरू होने से वो त्रस्त होते जा रहे हैं। ऐसे में बस संचालकों को परिवहन की सुविधा शुरू करने में भी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा। लिहाजा जिले के बस व ट्रक संचालकों ने सरकार से ट्रैक सहित अन्य राहत की मांग करते हुए पुलिस की वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए मांग पत्र भी सौंपा है।